विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation – WHO) ने सोमवार को वैश्विक स्तर पर फैलने वाली बीमारी मंकीपॉक्स (Monkeypox) का नाम बदल दिया है।
डब्ल्यूएचओ द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित मंकीपॉक्स को अब एमपॉक्स (Mpox) का नाम दिया गया है।
संगठन ने नस्लवाद को बढ़ावा देने वाली चिंताओं के मद्देनज़र दशकों पुरानी पशु बीमारी को भेदभावपूर्ण और नस्लवादी क़रार दिया है।
स्वास्थ्य एजेंसी ने एक बयान जारी करते हुए मंकीपॉक्स को Mpox कहे जाने की जानकारी दी है।
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साल 2023 से एजेंसी के सभी कार्यों में मंकीपॉक्स की जगह Mpox का ही उपयोग होगा।
Mpox आने वाले दिनों में International Classification of Diseases (ICD)10 में शामिल किया जाएगा।
यह संगठन द्वारा जारी ICD-11 की आधिकारिक 2023 रिलीज़ का भी हिस्सा होगा।
बता दें कि ICD विश्व स्तर पर महामारी विज्ञान, स्वास्थ्य प्रबंधन और क्लिनिकल उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल होने वाला डाटा है।
हालांकि, ऐतिहासिक जानकारी से मेल खाने के लिए “मंकीपॉक्स” शब्द ICD में बना रहेगा।
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इससे पहले भी जापानी एन्सेफलाइटिस, जर्मन खसरा, मारबर्ग वायरस और मिडिल ईस्टर्न रेस्पिरेटरी सिंड्रोम सहित कई अन्य बीमारियों का नाम भौगोलिक क्षेत्रों के नाम पर रखा गया है।
लेकिन डब्ल्यूएचओ ने इनमें से किसी भी नाम को बदलने का सुझाव नहीं दिया है।
दरअसल कई व्यक्तियों और देशों ने संगठन से नस्लवादी और कलंकित करने वाले मंकीपॉक्स नाम को बदलने का सुझाव दिया था।
Mpox को पहली बार 1958 में डेनमार्क के बंदरों में “चेचक जैसी” बीमारी देखे जाने के बाद मंकीपॉक्स नाम दिया गया था।
Mpox के लक्षण चेचक के समान ही हल्के होते है, लेकिन इसके वायरस का चिकनपॉक्स से कोई संबंध नहीं है।
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