Autoimmune disease treatment: एक परीक्षण में पाया गया है कि विटामिन डी (Vitamin D) और मछली के तेल से मिलने वाले ओमेगा-3(Omega 3 fatty acid) का सेवन ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा कम कर सकते है।
यह परिक्षण अमेरिका के औसतन 67 वर्षीय पुरुषों और महिलाओं पर साढ़े पांच साल तक किया गया था।
नतीजे बताते है कि ऑटोइम्यून बीमारियों से घिरे हुए उन बुजुर्गों को दोनों तरह के सप्लीमेंट्स लेना शुरू करने के दो साल बाद ही आराम आना शुरू हो गया था।
परीक्षण करने वाले हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने इन गैर-विषैले सप्लीमेंट्स से इलाज को महत्वपूर्ण बताया है, क्योंकि ऑटोइम्यून बीमारियों की दरों को कम करने के लिए कोई अन्य ज्ञात प्रभावी उपचार उपलब्ध नहीं है।
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बता दें की ऑटोइम्यून रोग तब होता है जब शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली गलती से सामान्य कोशिकाओं पर ही हमला करने लगती है।
इनमें रूमेटाइड अर्थराइटिस, सोरायसिस, थायरॉयड रोग और कंधों, गर्दन एवं कूल्हों के आसपास की मांसपेशियों में दर्द आदि शामिल है। ये तकलीफें उम्र के साथ बढ़ती है और महिलाओं को खासकर ज्यादा परेशान करती है।
देखा गया कि 25 हजार से ज्यादा अमेरिकी बुजुर्गों की ऑटोइम्यून बीमारियों में विटामिन डी और मछली के तेल वाले ओमेगा-3 की रोजाना खुराक ने बीमारियों को लगभग 30 प्रतिशत तक कम कर दिया।
सभी को प्रतिदिन विटामिन डी की 2,000 आईयू और ओमेग -3 फैटी एसिड की 1,000 मिलीग्राम मात्रा साढ़े पांच वर्षों तक लेने से आराम मिलने की जानकारी दी गई है। कइयों को तो दो साल तक सप्लीमेंट्स लेने के बाद ही आराम मिलना शुरू हो गया था।
बीएमजे पत्रिका के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने परीक्षण के नतीजे युवाओं पर लागू नहीं होने की बात भी कही है।
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आगे के परीक्षण युवा आबादी और ऑटोइम्यून बीमारी के उच्च जोखिम वाले मरीजों पर ही किए जाने की योजना है।
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