Juicing Effects: ज़्यादातर लोग फलों-सब्जियों का जूस पीना स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी की स्टडी ने जूस पीने से आंत और मुँह के बैक्टीरिया में बदलाव बताया है।
हैरानी की बात थी कि तीन दिन जूस पीने से ही सूजन और मानसिक कौशल गिरावट से जुड़े बैक्टीरिया में वृद्धि जानी गई।
उपरोक्त जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी वैज्ञानिको ने स्वस्थ वयस्कों के तीन समूहों का अध्ययन किया था।
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एक समूह ने सिर्फ़ जूस का सेवन किया, दूसरे ने भोजन संग जूस पिया और तीसरे ने सिर्फ़ शाकाहारी खाद्य पदार्थ खाए।
वैज्ञानिकों ने उनके थूक, मल और अन्य तरीकों द्वारा शरीर के बैक्टीरिया में होने वाले बदलावों का विश्लेषण किया।
केवल जूस पीने वालों में सूजन और आंतों में बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया सबसे ज़्यादा देखे गए।
जबकि शाकाहारी खाद्य पदार्थ साबुत खाने वालों में लाभदायक बैक्टीरिया की बढ़त पाई गई।
भोजन और जूस लेने वालों के बैक्टीरिया में, सिर्फ़ जूस पीने वालों की तुलना में, कम गंभीर बदलाव हुए।
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नतीजों के अनुसार, बिना फाइबर वाला जूस पीने से आंत माइक्रोबायोम में गड़बड़ी हो सकती है।
इससे संभावित रूप से आगे चलकर सूजन और आंत के स्वास्थ्य में कमी जैसे दुष्प्रभाव हो सकते है।
स्टडी ने जूस बनाने से फलों और सब्जियों में मौजूद फाइबर की मात्रा कम होना बताया है।
फाइबर लाभकारी बैक्टीरिया को पोषण देता है, जिससे रोग पैदा करने वाली सूजन कम होती है।
इसके विपरीत, जूस में मौजूद अधिक मीठे से आंत और मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया बढ़ते है।
स्टडी से यह भी पता चला कि कम फाइबर खाना पाचन, इम्यूनिटी और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
नतीजों में, फाइबर को प्राथमिकता देते हुए जूस की बजाए पूरे फल-सब्जी सेवन से आंत माइक्रोबायोम को लाभ कहा गया है।
यह स्टडी न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
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