Colorectal Cancer: रेडीमेड और इंस्टेंट फ़ूड प्रोडक्ट्स कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ा सकते है, ये कहना है एक नई स्टडी का।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित टफ्ट्स और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की साझा स्टडी ने, प्रोसेस्ड मीट (Processed meat) जैसे अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड (Ultra processed food) ज़्यादा खाने वाले पुरुषों को कोलोरेक्टल कैंसर अधिक होने की आशंका जताई है।
गौरतलब रहा कि ऐसे अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड कम खाने वालों के मुक़ाबले (Ultra-processed foods) ज़्यादा खाने वाले पुरुषों को पाचन तंत्र के कैंसर का ख़तरा 29% अधिक था।
पर हैरानी की बात थी कि बाज़ार के रेडीमेड और इंस्टेंट फ़ूड खाने वाली महिलाओं में ऐसी समस्या अधिक नहीं मिली।
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इस महत्वपूर्ण जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी विशेषज्ञों ने तीन बड़े अध्ययनों में शामिल हुए 200,000 से अधिक महिलाओं और पुरुषों के स्वास्थ्य का विश्लेषण किया था।
इसमें उनके दैनिक खान-पान का आकलन किया गया था जिसकी समीक्षा 25 से अधिक वर्षों तक चलती रही।
भोजन के आधार पर पुरुषों में विशेष रूप से डिस्टल कोलन (Distal colon) में कोलोरेक्टल कैंसर होने का एक स्पष्ट लिंक मिला, लेकिन अधिक मात्रा में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड खाने वाली महिलाओं में कैंसर का बढ़ना नहीं पाया गया।
टीम ने लाल मांस, मुर्गी, या मछली आधारित रेडीमेड फ़ूड प्रोडक्ट्स जैसे सॉसेज, बेकन, हैम और फिश केक खाने से पुरुषों में कोलोरेक्टल कैंसर होने का सबसे मजबूत संबंध दर्ज किया।
ऐसा ही संबंध सोडा, फ्रूट जूस, और दूध से बने मीठे ड्रिंक्स का अधिक सेवन करने वाले पुरुषों में भी देखने को मिला।
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चौंकाने वाली बात थी कि मीठी दही जैसे ड्रिंक्स पीने वाली महिलाओं में आंत और मलाशय के कैंसर का ख़तरा बढ़ते नहीं देखा गया।
बता दें कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स में अधिक मीठा और कम फाइबर होते हैं जो वजन और मोटापा बढ़ाने में सक्षम है। मोटापा कोलोरेक्टल कैंसर पैदा करने का सबसे बड़ा कारण है।
इसके अलावा बाज़ार में बिकने वाले फ़ूड प्रोडक्ट्स आंत माइक्रोबायोटा में बदलाव, सूजन बढ़ाने, और हानिकारक केमिकल्स से बने होने के कारण भी कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकते है।
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