बाजार में मिलने वाले खाने का हमारे पाचन तंत्र पर क्या असर पड़ता है, इसका खुलासा एक बड़ी स्टडी में हुआ है।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि लगभग हर घर में उपयोग होने वाले अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (Ultra Processed Food) को ज्यादा खाने से आंतों में सूजन (Inflammatory Bowel Disease -IBD) का खतरा बढ़ सकता है।
अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड में बिस्कुट, केक, नमकीन, चिप्स, फ़िज़ी ड्रिंक्स, ब्रेकफास्ट सीरियल्स, रेडीमेड मांस, मछली और अन्य उत्पाद शामिल होते है। ऐसी वस्तुओं में ज्यादा मीठा, नमक और तेल तो होता है, लेकिन विटामिन और फाइबर की कमी रहती है।
सेहत पर ऐसे खाने के असर को बताने के लिए वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने 21 देशों में रहने वाले 35 से 70 वर्षीय एक लाख से ज्यादा इंसानों के खान-पान की जानकारी जुटाई।
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10 साल तक चले इस अनुसंधान में उन इंसानों को क्रोहन रोग (Crohn’s disease) या अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative colitis) सहित आंतों में सूजन होने की समस्या का पता चला।
टीम ने पाया कि प्रतिदिन सॉफ्ट ड्रिंक्स, रिफाइंड मीठे के बने खाद्य पदार्थ, नमकीन स्नैक्स आदि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की पांच या अधिक सर्विंग्स खाने वालों में आंतों में सूजन रोग का खतरा 82 फीसदी तक बढ़ा हुआ था।
यह रोग आंतों के विकारों से संबंधित ऐसी समस्याओं का प्रतिनिधित्व करता है, जिनसे पाचन तंत्र में लंबे समय तक खराबी बनी रहती है।
यही नहीं, ऐसे भोजन को खाने से क्रोहन रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस होने का खतरा भी देखा गया।
इसके विपरीत, सफेद मांस, लाल मांस, डेयरी, स्टार्च, फलों, सब्जियां आदि के सेवन से बीमारियां होने की संभावना नहीं थी।
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इस पर टीम का अनुमान था कि खाने की वस्तुओं को बनाने की प्रक्रिया और तरह-तरह के केमिकल्स मिलाने से इंसानों में पेट की बीमारियां होने का खतरा बढ़ता जाता है।
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