Cancer food: बाज़ार के अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड अधिक खाने से कई कैंसर विकसित होने और मौत का ख़तरा हो सकता है।
ये चिंताजनक ख़ुलासा किया है इंपीरियल कॉलेज लंदन की एक नई स्टडी ने।
स्टडी में सॉफ्ट ड्रिंक्स, चिप्स, ब्रेड, पैकेटबंद सूप, ब्रेकफास्ट सीरियल्स आदि की अधिक खपत को मौत और 34 कैंसर से जुड़ा पाया गया है।
बता दें कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड ऐसे खाद्य पदार्थ है जिन्हें बनाने में अत्यधिक नमक, तेल, चीनी और हानिकारक केमिकल्स इस्तेमाल होते है।
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यह जानकारी यूके बायोबैंक से प्राप्त 40 से 69 वर्षीय 200,000 वयस्कों के खान-पान पर आधारित बताई गई है।
शोधकर्ताओं ने 10 साल तक उन पुरुषों और महिलाओं के स्वास्थ्य की निगरानी की थी।
इस दौरान, किसी भी कैंसर के विकास सहित 34 प्रकार के कैंसरों का विशिष्ट जोखिम देखा गया। साथ ही, कैंसर से मरने वालों की भी जांच हुई।
जांच में 15,921 इंसानों को कैंसर हुआ जबकि 4009 कैंसर संबंधित मौतें दर्ज की गई।
पाया गया कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड की अधिक खपत कुल और विशेषकर ओवेरियन एवं मस्तिष्क कैंसर होने से अधिक गहरी जुड़ी थी।
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यह खपत ख़ासकर ओवेरियन और स्तन कैंसर से मरने के बढ़ते जोखिम से भी जुड़ी हुई थी।
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन में प्रत्येक 10 प्रतिशत की वृद्धि संपूर्ण कैंसर की 2 प्रतिशत वृद्धि से जुड़ी हुई थी।
10 प्रतिशत की वृद्धि से विशेष तौर पर ओवेरियन कैंसर में 19 प्रतिशत का इज़ाफ़ा जाना गया था।
यही नहीं, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड प्रोडक्ट्स में प्रत्येक 10 प्रतिशत की वृद्धि कैंसर की मृत्यु दर में 6 प्रतिशत वृद्धि संग जुड़ी हुई थी।
इतने प्रतिशत की खपत से स्तन कैंसर में 16 प्रतिशत और ओवेरियन कैंसर में 30 प्रतिशत की मृत्यु दर वृद्धि भी देखी गई।
स्टडी विशेषज्ञों के मुताबिक़, इंसानी शरीर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड में मौजूद तत्वों और केमिकल्स पर ताजा और पौष्टिक भोजन समान प्रतिक्रिया नहीं करता।
इस वजह से ऐसे फ़ूड प्रोडक्ट्स अधिक खाने वालों को अनेकों स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्षों की पुष्टि और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड पदार्थों के नुकसान को घटाने वाली सर्वोत्तम स्वास्थ्य नीतियों के लिए और शोध की आवश्यकता कही गई है।
इंपीरियल टीम की यह स्टडी लांसेट डिस्कवरी साइंस की ईक्लिनिकलमेडिसिन में प्रकाशित हुई थी।
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