एक नई स्टडी ने सोने (Sleep) में परेशानी बताने वालों को टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes) होने की आशंका जताई है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ ऑस्ट्रेलिया के विशेषज्ञों ने ख़राब नींद की जानकारी देने वालों को हाई कोलेस्ट्रॉल, अधिक वजन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित पाया था।
ग़ौरतलब है कि उपरोक्त स्वास्थ्य समस्याएं टाइप 2 डायबिटीज के विकास में योगदान कर सकती है।
विशेषज्ञों ने अच्छे स्वास्थ्य के लिए सोने को महत्वपूर्ण बताते हुए घंटों की अपेक्षा शांत और गहरी नींद को महत्वपूर्ण बताया है।
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उन्होंने स्टडी में 1000 से अधिक ऑस्ट्रेलियाई वयस्कों की नींद के विभिन्न पहलुओं और डायबिटीज के जोख़िम की जांच की थी।
45 वर्ष की आयु वाले उन पुरुषों और महिलाओं में नींद की समस्या, अवधि, समय और परिवर्तनशीलता को जाना गया।
सोने में परेशानी की सूचना देने वालों में बॉडी मास इंडेक्स सहित कोलेस्ट्रॉल और रोगजनक सूजन होने की संभावना भी अधिक थी।
ऐसे लोगों को ख़राब नींद के चलते टाइप 2 डायबिटीज होने का ख़तरा अधिक था।
निष्कर्षों में पक्के सबूतों के लिए बड़े पैमाने की जांच और अच्छे स्वास्थ्य के लिए शांत नींद ज़रूरी कही गई है।
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ज़्यादा जानकारी अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ़ डायबिटीज एडुकेटर्स जर्नल से मिल सकती है।
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