खाना सीमित करने से टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 diabetes) वालों को स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है।
यह कहना है ऑस्ट्रेलियन कैथोलिक यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान द्वारा किए गए एक शोध का।
नवीनतम शोध में डायबिटीज वालों को ब्लड शुगर पर नियंत्रण रखने के लिए खाने-पीने के समय को सीमित और अनुशासित रखने की सलाह दी गई है।
इसके लिए समय पर खाना और उपवास रखना (Fasting) इंसुलिन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
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इंसुलिन पैंक्रियाज से निकलने वाला वह हार्मोन है जो भोजन खाने के पश्चात उत्पन्न होता है और ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुंचाता है।
डायबिटीज वालों के लंबे समय तक न खाने से ब्लड शुगर स्तर में सुधार होता है और वजन भी नियंत्रित रहता है।
इसके लिए उन्हें 24 घंटे में सिर्फ नौ घंटे ही भोजन करने और बाकी समय उपवास करने की आवश्यकता बताई गई है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई रात 10 बजे डिनर या उसके बाद तक खाता है और फिर सुबह 7 बजे नाश्ता करता है, तो इससे उसके इंसुलिन पर बुरा असर होगा।
साथ ही, रात भर उपवास रखने की लंबी अवधि भी नहीं मिल पाएगी। यह अवधि मेटाबॉलिज्म सुधारने के लिए जरूरी है।
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शोध के मुताबिक, देर से डिनर करने पर इंसुलिन सही काम नहीं करता है। ऐसा तब भी होता है जब हम एक ही बार में बहुत ज्यादा खाते है और ज्यादा मीठे या शराब का सेवन करते है।
इसका अर्थ स्पष्ट है कि समय पर और सीमित मात्रा में खाना शरीर की कार्यकुशलता से जुड़ा हुआ है।
ऐसी प्लानिंग से शरीर भोजन को सही से पचा सकेगा और टाइप 2 डायबिटीज वालों की ब्लड शुगर में सुधार होगा।