Tips for Metabolic Syndrome: अगर आप हाई बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल घटाना चाहते है तो अपने भोजन के समय को सीमित कीजिए।
ये सुझाव दिया है यूएस स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा की गई एक हालिया स्टडी ने।
स्टडी में मेटाबॉलिक सिंड्रोम पीड़ितों को time-restricted eating अपनाने की सलाह दी गई है।
स्टडी से जुड़े कैलिफ़ोर्निया विशेषज्ञों ने इस उपाय से उनका कार्डियोमेटाबॉलिक स्वास्थ्य बेहतर बताया है।
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मेटाबॉलिक सिंड्रोम में हाई बीपी, ब्लड शुगर, बॉडी फैट और असामान्य कोलेस्ट्रॉल का स्तर शामिल है।
मेटाबॉलिक सिंड्रोम के पीड़ितों को हार्ट अटैक, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा रहता है।
Time-restricted eating ऐसा उपवास है जिसमें भूखे रहने की बजाए ज्यादातर भोजन दिन में ही किया जाता है।
स्टडी में तीन महीने तक हर दिन 8-10 घंटे में भोजन निपटाने वाले रोगियों की सेहत में कई सुधार देखे गए।
विशेषज्ञों ने ऐसा शरीर द्वारा दिन के समय शुगर और फैट को कुशलतापूर्वक इस्तेमाल करने से संभव बताया।
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उन्होंने सेहत के लिए मीठे, नमक और चिकनाई से भरपूर खान-पान और सुस्त लाइफस्टाइल को हानिकारक माना।
इससे गंभीर बीमारियों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार शरीर के खराब मेटाबॉलिज़्म में तेजी से वृद्धि होती है।
Time-restricted eating पहले से ही उपरोक्त रोगों की दवा ले रहे रोगियों के लिए भी आसान माना गया है।
वजन घटाने की महंगी दवाइयों के विपरीत time-restricted eating से कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं मिले है।
स्टडी में मेटाबॉलिक सिंड्रोम के 108 मरीजों में से कुछ ने time-restricted eating और बाकियों ने सामान्य जीवन का अनुसरण किया था।
तीन महीने के बाद, time-restricted eating अपनाने वालों की शुगर और कोलेस्ट्रॉल में सुधार मिला।
उन मरीजों के वजन, बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और पेट की चर्बी में 3-4% अधिक कमी देखी गई।
सफल रोगियों ने अपने खाने के समय को प्रतिदिन आठ से दस घंटे तक सीमित कर दिया था।
वो जागने के कम से कम एक घंटे बाद और सोने से कम से कम तीन घंटे पहले भोजन करते थे।
इस स्टडी को विस्तार से एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में पढ़ा जा सकता है।
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