एक नई स्टडी ने COVID-19 संक्रमण से बचाव में एंटीवायरल दवा molnupiravir की भूमिका की जांच की है।
स्टडी ने molnupiravir को पूर्णतया वैक्सीनेटिड बेहद गंभीर COVID-19 पीड़ितों की अस्पताल में भर्ती या मौत रोकने में बेअसर पाया है।
हालांकि, कुछ वैक्सीनेटिड रोगियों को COVID-19 इलाज के दौरान दी गई molnupiravir तेजी से ठीक करती भी मिली है।
पिछले कई अध्ययनों ने हल्के और कम गंभीर कोरोना संक्रमितों की अस्पताल में भर्ती घटाने में molnupiravir को प्रभावी बताया था।
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जानकारी के बाद, WHO ने अस्पताल में भर्ती की आशंका वाले अत्यंत बीमार COVID-19 रोगियों के लिए इसके उपयोग की सिफारिश की थी।
लेकिन द लांसेट में छपी वर्तमान स्टडी ने COVID-19 बचाव की नई रणनीतियों में molnupiravir पर दोबारा गौर करने की ज़रूरत बताई है।
स्टडी में, यूके की तेज ऑमिक्रॉन लहर के दौरान 25,000 से अधिक वैक्सीनेटिड मरीज़ों पर molnupiravir लेने का असर जाना गया।
molnupiravir से इलाज होने के बावजूद अत्यंत गंभीर हालत के कोरोना संक्रमितों की अस्पताल में भर्ती और मौत के मामले कम नहीं हुए।
हालांकि, घर पर ही पांच दिनों तक प्रतिदिन दो बार molnupiravir की 800 मिलीग्राम खुराक लेने वाले पूर्णतया वैक्सीनेटिड संक्रमित जल्दी ठीक भी होते मिले।
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स्टडी में 50 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले वयस्कों या किशोरावस्था में ही कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु का अत्यधिक ख़तरा पाया गया।
देखा गया कि molnupiravir लेने (12,774 मरीज़ों) और न लेने वाले (12,934 मरीज़ों), दोनों को ही अस्पताल में भर्ती या मृत्यु का खतरा था।
molnupiravir के साथ इलाज और देखभाल प्राप्त COVID-19 मरीज़ों की मृत्यु या अस्पताल में भर्ती होने के 105 मामले थे।
दूसरी ओर, देखभाल प्राप्त लेकिन बिना molnupiravir दिए गए मरीज़ों की मृत्यु या अस्पताल में भर्ती होने के 98 मामले थे।
हालांकि, बिना molnupiravir इलाज प्राप्त मरीज़ों के 15 दिनों की तुलना में इसे लेने वाले मरीज़ औसतन नौ दिन में ही ठीक हो गए।
COVID-19 उपचार के दौरान molnupiravir से मिलने वाले आगे के स्वास्थ्य लाभों के लिए मरीज़ों की निगरानी अभी भी जारी बताई गई है।
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