Sugar-sweetened beverages: मीठे ड्रिंक्स बच्चों से लेकर बड़ों तक के पसंदीदा है। गर्मियों में तो इनकी चाहत और भी बढ़ जाती है।
लेकिन चीनी से बने मीठे ड्रिंक्स बच्चों और बड़ों के वज़न को बढ़ाने (Weight gain) में दोषी पाए गए है।
यह जानकारी टोरंटो और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की ताज़ा जांच-पड़ताल से मिली है।
इसके लिए लगभग 85 स्टडीज़ में शामिल 500,000 से अधिक बच्चों और बड़ों के स्वास्थ्य का विश्लेषण किया गया।
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विश्लेषण में मीठे ड्रिंक्स पीने और वज़न बढ़ने के बीच एक सकारात्मक जुड़ाव देखा गया।
ग़ौरतलब है कि अधिक वजन और मोटापा डायबिटीज, हृदय रोग, कुछ कैंसर और अन्य बीमारियों के ख़तरे को बढ़ाते हैं।
जांच में, रोज़ाना 300 ml के मीठे ड्रिंक्स की अधिकता बड़ों में प्रति वर्ष लगभग आधा किलो शारीरिक वज़न बढ़ाती मिली।
10 वर्षों में यह बढ़ोतरी लगभग ढ़ाई किलो वज़न के बराबर मानी गई।
बच्चों में भी प्रतिदिन इतने ही मात्रा के मीठे ड्रिंक्स अधिक पीने से एक साल में बीएमआई (Body Mass Index) बढ़ा हुआ मिला।
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हालांकि, मीठे ड्रिंक्स की खपत सीमित करते ही उम्र-संबंधित वजन बढ़ने में कमी भी देखी गई।
चीनी से बने मीठे ड्रिंक्स में सोडा, फ्रूट ड्रिंक्स, स्पोर्ट्स और एनर्जी ड्रिंक्स शामिल हैं।
इन ड्रिंक्स में आम तौर पर चीनी की मात्रा हानिकारक स्तर तक होती है।
ऐसे ड्रिंक्स अधिक पीने वालों के ख़ून में ग्लूकोज का लेवल बढ़ता है। इस स्थिति से शरीर का इन्सुलिन बिगड़ने लगता है।
नतीजन, मोटापा, डायबिटीज, फैटी लिवर और दिल की बीमारियों का अंदेशा रहता है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित समीक्षा को अब तक का सबसे बड़ा और गहन विश्लेषण बताया गया है।