Sugar side effects: ज़्यादा चीनी (Sugar) खाने से डायबिटीज (Type 2 diabetes) और मोटापा (Obesity) क्यों बढ़ते है, इस बारे में अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने जानकारी दी है।
चूहों पर हुई एक स्टडी में, जापान और यूएसए के वैज्ञानिकों की एक टीम ने चीनी खाने से उनकी आंतों के अति सूक्ष्म बैक्टीरिया (Gut microbiome) में अस्वास्थ्यकर परिवर्तन दर्ज किए है। इससे मोटापे और डायबिटीज की शुरुआत होने लगती है।
सेल जर्नल में प्रकाशित निष्कर्ष, मेटाबॉलिक सिंड्रोम (Metabolic syndrome) की रोकथाम के लिए भोजन के अलावा स्वस्थ माइक्रोबायोम समान रूप से महत्वपूर्ण बताते है।
बता दें कि अधिक तेल-घी और चीनी वाला भोजन ब्लड ग्लूकोज़ और इंसुलिन को नुकसान पहुंचाकर वज़न बढ़ाने लगता है। यह बढ़ता हुआ वज़न कई गंभीर बीमारियों की जड़ है।
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गहन जांच में ज़्यादा मीठा और तला हुआ खाना देने से चूहों में संभावित रूप से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बढ़ाने वाले फिलामेंटस बैक्टीरिया (Filamentous bacteria) तेजी से कम होते मिले।
वैज्ञानिक टीम ने पाया कि फिलामेंटस बैक्टीरिया में कमी से आंत में Th17 कोशिकाओं (Cells) की संख्या भी कम हो गई।
Th17 कोशिकाएं डायबिटीज और वजन बढ़ने से रोकने के लिए आवश्यक मानी गई है। ये प्रतिरक्षा कोशिकाएं आंत को स्वस्थ रखती हैं और शरीर को रोगाणुओं के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है।
चीनी इन्ही फिलामेंटस बैक्टीरिया को खत्म कर देती है, जिससे सुरक्षात्मक Th17 कोशिकाएं गायब हो जाती हैं।
जब चूहों को बिना चीनी वाला भोजन खिलाया गया तो उनकी आंतों की Th17 कोशिकाओं को नुकसान नहीं हुआ। नतीजन, वे मोटापे या डायबिटीज के विकास से पूरी तरह सुरक्षित मिले।
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ऐसे में टीम ने मीठे में कमी और फिलामेंटस बैक्टीरिया के विकास से जुड़े प्रोबायोटिक्स को डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियों से बचाव में महत्वपूर्ण बताया है।
उनके अनुसार, इष्टतम स्वास्थ्य के लिए न केवल अपने आहार बल्कि माइक्रोबायोम या आंतों की प्रतिरक्षा प्रणाली में भी सुधार करना अति आवश्यक है।
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