बड़ों की अपेक्षा बच्चों में कोरोना वायरस तेजी से क्यों नहीं फैलता, इस रहस्य से अब वैज्ञानिकों ने पर्दा उठाया है।
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक शोध में ऑस्ट्रेलिया के मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट (Murdoch Children’s Research Institute – MCRI) के खोजकर्ताओं ने पाया कि एक बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) में मौजूद विशेष कोशिकाएं तेजी से नए कोरोनोवायरस (SARS-CoV-2) को निशाना बनाती है और फैलने से रोकती है।
इसलिए अधिकांश अन्य सांस से जुड़े वायरस की गंभीरता के मुकाबले इस वायरस से बच्चों के संक्रमित होने के संयोग कम है।
इसे देखने के लिए खोजकर्ताओं ने मेलबोर्न के कोरोनोवायरस से संक्रमित 28 परिवारों के 48 बच्चों और 70 वयस्कों के ब्लड सैंपल्स का विश्लेषण किया।
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दो महीने तक उनकी इम्यून प्रतिक्रिया की निगरानी करने पर उन्होंने पाया कि बच्चों में केवल हल्के नाक बहने के लक्षण थे, लेकिन माता-पिता को अत्यधिक थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना और स्वाद पता न चलने की भावना थी।
अध्ययन से पता चला कि वयस्कों की तुलना में COVID-19 संक्रमित बच्चों में वायरस के खिलाफ अधिक मजबूत कुदरती प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती थी।
खोजकर्ताओं ने बताया कि बच्चों में कोरोनोवायरस संक्रमण को रोकने के लिए विशेष सफेद रक्त कोशिका की शक्ति थी, जो क्षतिग्रस्त टिश्यू को ठीक करने और संक्रमण को सुधारने में मदद करती थी।
ये प्रतिरक्षा कोशिकाएं शरीर में वायरस के आते ही उसे फैलने का मौका दिए बिना जल्दी से साफ कर देती। लेकिन अध्ययन में वयस्कों के बीच यह प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया नहीं देखी गई।
लेख में कहा गया कि हालांकि बच्चे भी कोरोनावायरस से संक्रमित हुए, लेकिन वे वायरस को बढ़ने से रोकने की अपनी अत्यधिक प्रभावी प्रतिरक्षा को बढ़ाने में सक्षम थे।