प्लास्टिक (Plastics) में मिले हुए केमिकल हमारे दिल के लिए हानिकारक है, ये दावा किया है अमेरिका में हुई एक रिसर्च ने।
चूहों पर हुई इस रिसर्च में जाना गया कि प्लास्टिक के केमिकल से मानव हृदय रोग (Cardiovascular disease) का खतरा बढ़ सकता है।
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, रिवरसाइड में वैज्ञानिकों की एक टीम ने प्लास्टिक को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एक केमिकल से प्लाज्मा कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ते हुए देखा है।
पेट में जाकर यह केमिकल कोलेस्ट्रॉल सोखने और खून में उसकी मात्रा को बढ़ाने वाले प्रोटीन को चालू कर देता है।
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इससे शरीर में डिस्लिपिडेमिया (Dyslipidemia) की स्थिति उत्पन्न होने लगती है।
यह स्थिति खून में एक या अधिक प्रकार के लिपिड (फैट) के घातक स्तर से जुड़ी है। इसके चलते कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का जोखिम विकसित होता है।
वैज्ञानिकों को ऐसे दुष्प्रभाव प्लास्टिक के डाइसाइक्लोहेक्सिल फ़ेथलेट (dicyclohexyl phthalate – DCHP) से देखने को मिले।
DCHP व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला ऐसा केमिकल है, जो प्लास्टिक को टिकाऊ बनाए रखता है।
हाल ही में पर्यावरण संरक्षण एजेंसी द्वारा इसे एक खरतनाक पदार्थ के रूप में प्रस्तावित किया गया है। हालांकि, मनुष्यों में DCHP के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में अभी तक बहुत कुछ ज्ञात नहीं है।
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चूहों पर इसके असर से उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग के जोखिम दिखाने वाला यह पहला अध्ययन माना जा रहा है।
टीम ने पाया है कि DCHP के संपर्क में आने वाले चूहों की आंतों में, मनुष्यों में दिल की बीमारी करने वाले चिपचिपे फैट के अत्यधिक कण मौजूद थे।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्लास्टिक के केमिकल इंसानों के दिल के लिए कितने हानिकारक है।
स्टडी को पर्यावरण स्वास्थ्य क्षेत्र की एक शीर्ष पत्रिका एनवायरनमेंटल हेल्थ पेर्स्पेक्टिव्स में प्रकाशित किया गया है।