स्वीट ड्रिंक्स और फ़ूड प्रोडक्ट्स में मिठास देने वाले आर्टिफिशियल स्वीटनर्स (Artificial Sweeteners) अक्सर सेहत के लिए हानिकारक पाए जाते है।
इसी कड़ी में इज़ाफ़ा किया है फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के विशेषज्ञों की नई स्टडी ने।
चूहों पर हुई उनकी स्टडी ने, लगभग 5,000 फ़ूड प्रोडक्ट्स और स्वीट ड्रिंक्स में पड़ने वाले एस्पार्टेम (Aspartame) स्वीटनर को चिंता (Anxiety) पैदा करने वाला पाया है।
Aspartame से चूहों के चिंताग्रस्त होने का बुरा असर नर चूहों से पैदा हुई दो पीढ़ियों तक बढ़ा हुआ मिला है।
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स्टडी में Aspartame सेवन ने चूहों के शुक्राणुओं (sperm) में अस्थायी तौर पर परिवर्तन होते भी दिखाया है।
हालांकि ये परिवर्तन चूहों को चिंता रोकने वाली दवा देने के बाद ठहरते देखे गए है।
विशेषज्ञों ने ऐसा ही दुष्प्रभाव निकोटीन से भी होना बताया है, जिसमें पिता की स्मोकिंग का असर उनके बच्चों पर भी पड़ता है।
गौरतलब है कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने वर्ष 1981 में Aspartame को स्वीटनर के रूप में मंजूरी दी थी।
तब से लेकर आज तक, हर साल लगभग 5,000 मीट्रिक टन Aspartame का उत्पादन किया जाता है।
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सेवन करने पर Aspartame एस्पार्टिक एसिड (Aspartic acid), फेनिलएलनिन (Phenylalanine) और मेथनॉल (Methanol) बन जाता है।
ये सभी अमीनों एसिड सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर शक्तिशाली प्रभाव डालते है।
स्टडी में चूहों को 12 हफ्तों तक मनुष्यों द्वारा एक दिन में पिए जाने वाले डाइट सोडा के दो से चार 8-औंस केन बराबर Aspartame दिया गया।
चार साल तक चली स्टडी में, Aspartame का चिंता लाने वाला असर चूहों की कई पीढ़ियों में स्पष्ट रूप से देखा गया।
इसके बाद विशेषज्ञों ने डायजेपाम (Diazepam) देकर चूहों की सभी पीढ़ियों में चिंता जैसे व्यवहार का दिखना रोक दिया।
बता दें कि Diazepam मनुष्यों में चिंता विकार का इलाज करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा है।
इस खोज से उत्साहित विशेषज्ञों ने अब Aspartame द्वारा याददाश्त को प्रभावित करने वाले तरीक़ों पर ध्यान केंद्रित किया है।
यह स्टडी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
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