Prostate Cancer: नई स्टडी ने खेती-बाड़ी कीटनाशकों (Pesticides) का प्रोस्टेट कैंसर व मौतों की संख्या बढ़ाने में हाथ बताया है।
बता दें की प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों का ऐसा कैंसर है जो प्रोस्टेट ग्रंथि की कोशिकाएँ ज्यादा बढ़ने से होता है।
रिसर्चर्स ने संयुक्त राज्य की काउंटियों में प्रोस्टेट कैंसर करने वाले 295 कीटनाशकों का आकलन किया था।
उन्हें प्रोस्टेट कैंसर की घटनाओं से जुड़े 22 कीटनाशक मिले, जिनमें से चार मृत्यु दर में वृद्धि के भी दोषी थे।
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विभिन्न वर्षों के डाटा-विश्लेषण में तीन कीटनाशक पहले ही प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ें बताए गए थे।
सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों में से 2,4-D को प्रोस्टेट कैंसर करने में प्रमुख पाया गया।
2,4-D ऐसा केमिकल है जिसका उपयोग पानी और जमीन की खरपतवारों को मारने के लिए किया जाता है।
यह दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला herbicide है, जिससे स्वास्थ्य को कई नुकसान है।
19 संभावित कीटनाशक पहली बार प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ें मिले, जबकि चार कीटनाशकों से ज्यादा मौतें मानी गई।
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मृत्यु दर बढ़ाने में तीन herbicides (Trifluralin, Cloransulam-methyl, और Diflufenzopyr) तथा एक insecticide (Thiamethoxam) था।
सरकार ने केवल Trifluralin को ही ‘संभावित मानव कैंसरजनक’ कहा था, जबकि अन्य तीन के ‘कैंसरजन्य होने की संभावना नहीं’ थी।
नतीजों को देखते हुए प्रोस्टेट कैंसर की घटनाओं और मौतों में कीटनाशकों के उपयोग पर ध्यान देने की ज़रूरत कही गई।
इससे प्रोस्टेट कैंसर से प्रभावित पुरुषों की संख्या कम करने वाले प्रयासों में मदद का अनुमान रहा।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन की यह स्टडी Cancer जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
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