Migraine in pregnancy: एक अमेरिकन स्टडी में माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोख़िम बताया गया है।
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल और एरिज़ोना यूनिवर्सिटी की स्टडी में कहा गया है कि ऐसे सिरदर्द वाली गर्भवती महिलाओं को समय से पहले प्रसव, गर्भकालीन उच्च रक्तचाप और प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) जैसी स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
स्टडी में यह भी पाया गया कि ऑरा सहित माइग्रेन अटैक होने वाली महिलाओं में बिना ऑरा के माइग्रेन वाली महिलाओं की अपेक्षा प्रीक्लेम्पसिया का जोखिम कुछ अधिक हो सकता है।
प्रीक्लेम्पसिया में गर्भावस्था के दौरान मूत्र में प्रोटीन जैसे अतिरिक्त लक्षणों के साथ हाई बीपी शामिल होता है, जिससे माँ और बच्चे के जीवन को खतरा हो सकता है।
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स्टडी के विशेषज्ञों का कहना था कि माइग्रेन और गर्भावस्था की जटिलताओं के बीच संबंध जानने से डॉक्टरों और माइग्रेन पीड़ित महिलाओं को प्रेगनेंसी में होने वाले संभावित जोखिमों का पता चल सकता है।
इस जानकारी के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने 20 साल की अवधि में लगभग 30,000 से अधिक प्रेगनेंसी की जांच की। उनमें से 11 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उन्हें गर्भावस्था से पहले माइग्रेन था।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की प्रीटरम डिलीवरी, प्रीक्लेम्पसिया, शिशु का जन्म के समय कम वजन, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का स्तर जाना गया।
उम्र, मोटापे और अन्य स्वास्थ्य कारणों को देखने के बाद विशेषज्ञों ने माइग्रेन रहित महिलाओं के मुक़ाबले माइग्रेन पीड़ित महिलाओं में प्रीटरम डिलीवरी, गर्भकालीन हाई ब्लड प्रेशर और प्रीक्लेम्पसिया का क्रमश: 17, 28 और 40 प्रतिशत अधिक जोखिम पाया।
इसके अलावा, माइग्रेन रहित महिलाओं की अपेक्षा ऑरा सहित माइग्रेन अटैक वाली महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया विकसित होने की संभावना 51 प्रतिशत अधिक थी। जबकि बिना ऑरा के माइग्रेन वालियों में इसकी संभावना 29 प्रतिशत अधिक थी।
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हालांकि, माइग्रेन की समस्या गर्भावधि की डायबिटीज या शिशु के कम वजन से जुड़ी नहीं मिली।
विशेषज्ञों की मानें तो माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान प्रीक्लेम्पसिया जैसी जटिलताओं की पहचान और कंट्रोल के बारे में जानकारी होना ज़रूरी है।
लेकिन माइग्रेन इतनी स्वास्थ्य जटिलताओं के उच्च जोख़िम से क्यों जुड़ा है, यह निर्धारित करने के लिए अधिक खोज की आवश्यकता कही गई है।
ये निष्कर्ष अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी की अप्रैल में होने वाली वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किए जाएंगे।
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