एक हालिया स्टडी ने ज़्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड (Ultra processed food) खाने से COVID-19 इंफेक्शन (Infection) बढ़ने का ख़तरा बताया है।
हालांकि, स्टडी के विशेषज्ञ इस ख़तरे के पीछे छुपे कारणों को पूरी तरह समझ नहीं पाए।
ये तो हम सभी जानते है कि हेल्दी डाइट अच्छे स्वास्थ्य के लिए कितनी ज़रूरी है। डाइट से मिलने वाले पोषक तत्वों के दम पर ही आंतों के लाभकारी बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम (Immune system) को मजबूत रखते है।
पिछले अध्ययनों में भी अधिक मात्रा में फलों और सब्जियों का सेवन करने वालों को COVID-19 की आशंका कम देखी गई थी।
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हालांकि, पिज्जा, पेस्ट्री, केक, सॉफ्ट ड्रिंक्स, इंस्टेंट नूडल्स, आइसक्रीम, चिप्स जैसे अल्ट्रा प्रोसेस्ड फ़ूड खाने वालों को इंफेक्शन का कितना ख़तरा होता है, ये चीन की टियांजिन मेडिकल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने बताया।
उनकी स्टडी में शामिल 40-69 वर्ष की आयु वालों में उपरोक्त खाने-पीने की चीज़ों और कोरोना इंफेक्शन के बढ़ते जोखिम के बीच एक मजबूत संबंध पाया गया।
यूके बायोबैंक के कुल 41,012 पुरुषों और महिलाओं के आहार और सेहत की जांच के बाद रोज़ाना कम से कम प्रोसेस्ड फ़ूड खाने वालों की अपेक्षा अधिक खाने वालों में इंफेक्शन की आशंका बढ़ी हुई मिली।
उनमें भी प्रोसेस्ड फ़ूड खाने वाले ज़्यादा वज़न के पुरुषों और महिलाओं को कोविड संक्रमण का खतरा अधिक था।
दरअसल अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड में तेज मीठा, नमक, ट्रांस-फैट और अन्य हानिकारक केमिकल मिले होते है। इनसे इम्यून सिस्टम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, COVID-19 लॉकडाउन के दौरान अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड की खपत में उल्लेखनीय वृद्धि हुई थी, जिसने लोगों की इम्युनिटी को कमज़ोर किया। नतीजन, संक्रमण के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिली।
इसलिए, यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित स्टडी में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने के लिए अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड की जगह फलों और रंग-बिरंगी सब्जियों का सेवन बढ़ाने की सलाह दी गई है।