Bad Ultra-processed Foods: बाज़ार के चिप्स, बिस्कुट, सॉफ्ट ड्रिंक, नमकीन, केक और कुकीज़ जैसे फ़ूड प्रोडक्ट्स बच्चों से लेकर बड़ों तक को लुभाते है।
लेकिन ऐसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ (Ultra-processed Foods) मस्तिष्क के स्वास्थ्य (Brain health) बिगड़ने में अहम योगदान दे सकते है।
ये चौंकाने वाला ख़ुलासा किया है ब्राजील के हेल्थ एक्सपर्ट्स ने, जिन्होंने अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड को मानसिक क्षमताओं के लिए ख़तरा बताया है।
अधिक जानकारी एक अध्ययन में शामिल 10,775 वयस्कों पर अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड के सेवन का असर देखने के बाद मिली थी।
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ग़ौरतलब है कि अभी तक अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड हृदय रोग और मोटापे के ख़तरे को बढ़ाते थे। लेकिन इनसे मानसिक कुशलता में गिरावट जानना चिंताजनक है।
दरअसल अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड में अधिक चीनी, नमक, फैट, कृत्रिम रंग और केमिकल जैसे बहुत सारे अस्वास्थ्यकर तत्व मिले होते है।
अध्ययन में 8 वर्षों के दौरान, अधिक अल्ट्राप्रोसेस्ड फ़ूड खाने वालों की सोचने-समझने और निर्णय लेने संबंधी क्षमताओं में क्रमशः 28% और 25% गिरावट देखी गई।
ऐसे दुष्प्रभाव 59 वर्ष से अधिक आयु की स्त्रियों और पुरुषों की तुलना में 35 से 59 वर्ष वालों में अधिक मजबूत था।
इन निष्कर्षों के आधार पर सभी मनुष्यों को कम रेडीमेड फ़ूड और स्नैक्स खाने तथा घर पर ताजी सामग्री से बना भोजन लेने की सलाह है।
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जामा न्यूरोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित उपरोक्त निष्कर्ष, यूनिवर्सिटी ऑफ़ साओ पाउलो मेडिकल स्कूल की स्टडी के बताए गए है।
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