अधिक वज़न (Overweight) और मोटापे (Obesity) को कई रोगों का घर कहा गया है।
इसलिए डॉक्टर संपूर्ण स्वास्थ्य बेहतरी के लिए बच्चों से लेकर बूढ़ों तक को वज़न कंट्रोल की सलाह देते है।
अब एक नई स्टडी ने वज़न कंट्रोल से भविष्य में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (Gastrointestinal cancer) का ख़तरा भी कम बताया है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर पाचन तंत्र के अंगों जैसे पेट, बड़ी और छोटी आंत, पैंक्रियाज, कोलन, लिवर आदि में होता है।
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जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित यह स्टडी ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के मेडिकल साइंटिस्ट्स की है।
उन्हें यह जानकारी एक बड़े कैंसर स्क्रीनिंग ट्रायल में आए 131,161 रोगियों के हेल्थ रिकॉर्ड की जांच से मिली है।
साइंटिस्ट्स ने 20 और 50 की उम्र में अधिक वजन या मोटापे से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर का ख़तरा देखा है।
जीवन के कई चरणों में अधिक वजन या मोटापा होने से 55 की उम्र के बाद पाचन तंत्र के अंगों में कैंसर बढ़ सकता है।
स्टडी से पता चला कि दिनोंदिन बढ़ते वज़न से कोलोरेक्टल सहित अन्य कैंसरों के खतरे में भी वृद्धि होती है।
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13 साल चली छानबीन में पाया गया कि मोटापा लाने में सहायक हानिकारक चर्बी का भंडार कई रोग पैदा करता है।
इससे शरीर में बीमारियां लाने वाली जलन-सूजन उठती है जिससे रक्षक इम्यून कोशिकाएं कमज़ोर पड़ने लगती है।
नतीजों में, जवानी से ही मोटापा कंट्रोल रखना कई कैंसरों की रोकथाम के लिए ज़रूरी माना गया है।
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