COVID-19 संक्रमण के बाद प्रभावित इंसानों के दिलो-दिमाग पर अधिक दुष्प्रभाव देखे गए है।
हाल ही में कई देशों के वैज्ञानिकों ने किडनी (Kidney) पर कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रभावों की भी जांच की।
इसके लिए प्रयोगशाला में मानव किडनी कोशिकाओं का अध्ययन किया गया।
जानकारों के अनुसार, संक्रमण से ठीक होने के बाद कई संक्रमितों ने किडनी की क्षति का भी अनुभव किया। हालांकि, यह अस्पष्ट था कि ऐसा संक्रमण से हुआ या किसी अन्य कारण से।
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इस उलझन को वैज्ञानिकों के एक दल ने प्रयोगशाला में किडनी कोशिकाओं (Cells) पर कुछ परीक्षण कर सुलझाया।
सर्वप्रथम उन्होंने मानव शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग को कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) से संक्रमित किया।
इसके बाद न्होंने देखा कि भले ही वायरस ने किडनी की कोशिकाओं को संक्रमित किया हो, लेकिन इससे कोशिकाएं मरी नहीं।
संक्रमण से पहले, कोशिकाओं में वायरस के खिलाफ अणुओं की वृद्धि हुई। इसके विपरीत, ऐसे अणुओं में कमी वाली कोशिकाओं की संक्रमण के परिणामस्वरूप मौत होते देखी गई।
वैज्ञानिकों के अनुसार, किडनी की जिन कोशिकाएं में पहले से ही क्षतिग्रस्त होने के लक्षण थे, वे अधिक आसानी से संक्रमित हुई और पहले से ज्यादा कमजोर हो गई।
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नतीजों से संकेत मिला कि कोरोना के मरीजों की किडनी खराब होने में वायरस संक्रमण की कोई अहम भूमिका नहीं है।
हाँ, अगर किसी और बीमारी के चलते उनकी किडनी पर कोई बुरा असर हुआ हो तो संक्रमण उसे बदतर जरूर कर सकता है।
इसलिए, किडनी खराब करने वाले कारणों को पहले ही सीमित कर देने से वायरस के संभावित नुकसान को कम किया जा सकता है।
अध्ययन के निष्कर्ष अमेरिकन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलोजी की पत्रिका में प्रकाशित किए गए।