तनाव (Stress) हमारे आधुनिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बनता जा रहा है।
लेकिन चिकित्सा जगत के जानकारों का कहना है कि तनाव का जबरदस्त स्तर मस्तिष्क के लिए हानिकारक हो सकता है। साथ ही, मूड (Mood) और चिंता (Anxiety) संबंधी विकारों (Disorders) को बढ़ावा भी दे सकता है।
हाल ही में वैज्ञानिकों की एक टीम ने तनाव होने पर शरीर में होने वाली हलचल का खुलासा किया है।
उनके नए शोध से पता चलता है कि कैसे कुछ महत्वपूर्ण प्रोटीन तनाव होने पर शरीर की प्रतिक्रिया (Body’s Response) को नियंत्रित करने में प्रभावी हो सकते है।
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इन प्रोटीनों को लक्षित करने से चिंता या तनाव संबंधित मनोवैज्ञानिक विकारों का इलाज और बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है
अध्ययन के शोधकर्ताओं ने तनाव प्रतिक्रिया के नियंत्रण में शामिल मस्तिष्क के एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) की जांच की।
गैर-मानव ऊतक और पोस्टमॉर्टम के दौरान जांचे गए मस्तिष्क ऊतक में शोधकर्ताओं ने देखा कि जीआर, एमआर, और एफकेबीपी 5 के रूप में तीन प्रोटीन, तनाव के दौरान एक-दूसरे के साथ तालमेल बनाए रखते है।
उनके मुताबिक, हिप्पोकैम्पस क्षेत्र में एफकेबीपी 5 द्वारा एमआर और जीआर का संतुलन बनाकर तनाव पीड़ित रोगियों में उत्पन्न होने वाले मनोवैज्ञानिक विकारों को नियंत्रित किया जा सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे निष्कर्ष के बाद चिंता और तनाव से संबंधित सभी विकारों के लिए नए उपचार विकसित करना संभव है।
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अमेरिका के मैकलीन अस्पताल में कार्यरत विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा आयोजित इस अध्ययन की जानकारी सेल रिपोर्ट पत्रिका में भी साझा की गई।
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