स्वस्थ दिल के लिए ज्यादा देर तक बैठने वालों को अक्सर खड़े रहने (Standing) की सलाह दी जाती है।
माना जाता है कि बैठने (Sitting) की बजाए खड़े रहकर काम करने से दिल के रोगों (Cardiovascular diseases) का खतरा कम होता है।
लेकिन अब सिडनी यूनिवर्सिटी की एक स्टडी ने इस धारणा को गलत बताया है।
नई स्टडी ने देर तक बैठने की अपेक्षा खड़े रहने से स्ट्रोक, हार्ट फेलियर, कोरोनरी हार्ट रोग में कोई सुधार नहीं कहा है।
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उल्टा, देर तक खड़े रहने से वैरिकाज़ नसों और डीप वेन थ्रोम्बोसिस जैसी रक्त संचार समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
यह हैरान करने वाली जानकारी 83,013 यूके नागरिकों के दिल की सेहत और खून संबंधी रोगों के रिकॉर्ड से मिली है।
स्टडी विशेषज्ञों ने पुख्ता सबूतों के लिए उन नागरिकों द्वारा पहनी गई स्मार्टवॉच के डेटा का गहन अध्ययन किया था।
यह भी पाया गया कि दिन में 10 घंटे से ज्यादा बैठने पर हृदय रोग और ऑर्थोस्टेटिक का जोखिम बढ़ जाता है।
ऑर्थोस्टेटिक कम ब्लड प्रेशर का ऐसा रूप है जो देर तक बैठने या लेटने के बाद खड़े होने पर होता है।
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स्टडी ने स्वस्थ दिल के लिए खड़े होने की बजाए पूरे दिन एक्टिव रहने और एक्सरसाइज की आवश्यकता कही है।
इसके लिए बैठने के दौरान नियमित ब्रेक लेकर उठना, टहलना, सीढ़ियां चढ़ना आदि गतिविधियां ज़रूरी है।
हालांकि, स्टडी में यह भी बताया गया है कि देर तक खड़े रहने से हृदय रोग का जोखिम नहीं बढ़ता है।
कुल मिलाकर, घंटों बैठे या खड़े रहने की अपेक्षा रोजाना लगभग 6 से 30 मिनट की एक्सरसाइज और वर्क ब्रेक अच्छा है।
इससे उन लोगों में भी हृदय रोग की आशंका घट सकती है, जो प्रतिदिन 11 घंटे से अधिक समय तक बैठे रहते हैं।
इस बारे में और जानकारी International Journal of Epidemiology में छपी स्टडी से मिल सकती है।
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