किसी मरीज की देखभाल में दवाओं के अलावा आध्यात्मिकता (Spirituality) का भी सहारा लिया जाना चाहिए।
ये सुझाव दिया है अमेरिका में हुई एक हालिया स्टडी के विशेषज्ञों ने, जिन्होंने गंभीर बीमारी के इलाज और संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ के लिए आध्यात्मिकता को भी शामिल करने की वक़ालत की है।
स्टडी में अन्य मेडिकल संस्थाओं के अलावा हावर्ड टी.एच. चेन स्कूल और ब्रिघम एंड वीमेन हॉस्पिटल के विशेषज्ञ भी शामिल थे।
जामा नेटवर्क में प्रकाशित स्टडी के निष्कर्ष बताते है कि किसी मरीज़ की गंभीर बीमारी और स्वास्थ्य ठीक करने के लिए भविष्य की देखभाल योजनाओं में आध्यात्मिकता को भी आवश्यक माना जाना चाहिए।
- Advertisement -
बता दें कि आध्यात्मिकता का किसी धर्म, संप्रदाय या मत से कोई संबंध नहीं है।
आध्यात्मिकता किसी व्यक्ति के लिए परिवार, समुदाय या प्रकृति से जुड़कर जीवन का अर्थ, उद्देश्य, संबंध, मूल्य या श्रेष्ठता की तलाश से है।
विशेषज्ञों ने आठ हजार से अधिक लेखों के माध्यम से गंभीर बीमारी और स्वास्थ्य में आध्यात्मिकता के सकारात्मक प्रभावों से संबंधित कई परिणामों की पहचान और विश्लेषण किया।
उन्होंने नोट किया कि आध्यात्मिक समुदाय से जुड़ने के बाद स्वस्थ लोगों का जीवन अधिक बेहतर हुआ। इसके प्रभावों में लंबी उम्र, कम डिप्रेशन, आत्महत्या और नशीले पदार्थों का सेवन शामिल रहा।
यही नहीं, आध्यात्मिकता ने कई मरीज़ों की बीमारी में लाइफ क्वालिटी और मेडिकल केयर जैसे महत्वपूर्ण परिणामों को भी प्रभावित किया।
- Advertisement -
ये देखते हुए विशेषज्ञों ने रोगी-केंद्रित हेल्थ केयर में आध्यात्मिक विचारों को सर्वसम्मति से शामिल करना और आध्यात्मिक समुदाय से जुड़ने पर मिलने वाले सुरक्षात्मक लाभों के बारे में डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स में जागरूकता बढ़ाने का सुझाव दिया।
उनके अनुसार, आध्यात्मिकता को पेशेंट केयर प्रोग्राम में शामिल करने से प्रत्येक को जल्द स्वस्थ होने का बेहतर मौका मिल सकता है।
Also Read: दिन का उजाला और प्राकृतिक दृश्य देखना जुड़े है अच्छी सेहत से