एक हालिया स्टडी ने सॉफ्ट ड्रिंक्स (Soft drinks) की बढ़ती खपत पर चिंता जाहिर की है।
स्टडी में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD) में वृद्धि का खतरा पाया गया है।
इस रोग में शराब कम या बिल्कुल नहीं पीने वालों के लिवर में फैट जमने लगता है।
यह स्टडी 40 पार के 1700 से अधिक मैक्सिकन पुरुषों और महिलाओं पर हुई थी।
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उनके सॉफ्ट ड्रिंक्स सेवन की मात्रा को खाने-पीने से जुड़े एक सर्वे द्वारा मापा गया था।
इसमें सॉफ्ट ड्रिंक्स की हर हफ्ते 1 सर्विंग (355 ml) से लेकर 3.5 या अधिक की जानकारी थी।
स्टडी में डाइट/जीरो-कैलोरी वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स को विश्लेषण से बाहर रखा गया था।
हेपेटिक स्टेटोसिस इंडेक्स (HSI) द्वारा NAFLD जोखिम का मूल्यांकन किया गया था।
सॉफ्ट ड्रिंक्स के 3.5 सर्विंग प्रति सप्ताह सेवन से NAFLD की संभावना 39% बढ़ी हुई थी।
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इससे ज्यादा सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने वालों में NAFLD होने की संभावना 42% अधिक पाई गई।
विश्लेषण में अधिक सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से महिलाओं के मुकाबले पुरुषों के लिवर को ज्यादा खतरा था।
परिणामों के अनुसार, सॉफ्ट ड्रिंक्स कम पीने से खासकर पुरुषों में NAFLD जोखिम घट सकता है।
सॉफ्ट ड्रिंक्स में फ्रुक्टोज की मात्रा अधिक होने के कारण NAFLD के खतरे में वृद्धि होती है।
NAFLD लिवर की सबसे बड़ी समस्या से है, जिससे दुनिया की 20-30% आबादी प्रभावित है।
इससे मोटापा, डायबिटीज और अन्य स्वास्थ्य संबंधी गंभीर विकार पैदा होते है।
इस बारे में और जानकारी एनल्स ऑफ़ हेपेटोलॉजी में छपे लेख से मिल सकती है।
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