Sodium Intake Reduction: नमक का सेवन कम करके वर्ष 2030 तक विश्व स्तर पर अनुमानित 70 लाख लोगों की जान बचाई जा सकती है।
ये जानकारी दी है ग्लोबल सोडियम सेवन पर आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताज़ा रिपोर्ट ने।
रिपोर्ट से पता चला है कि दुनिया भर के देश वर्ष 2025 तक सोडियम सेवन को 30% तक घटाने के अपने लक्ष्य से कोसो दूर है।
सोडियम एक आवश्यक पोषक तत्व है लेकिन अधिक मात्रा हृदय रोग, स्ट्रोक और असमय मौत का कारण बनती है।
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वैश्विक स्तर पर सोडियम युक्त नमक का प्रतिदिन सेवन 10.8 ग्राम होने का अनुमान है।
इतनी मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक की दोगुनी से अधिक है।
भोजन में अत्यधिक नमक खाने से गैस्ट्रिक कैंसर, मोटापा, ऑस्टियोपोरोसिस और गुर्दे की बीमारी का ख़तरा बढ़ता है।
मनुष्यों के लिए सोडियम का मुख्य स्रोत घरेलू नमक (सोडियम क्लोराइड) या सोडियम ग्लूटामेट है।
रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ के केवल 5% सदस्य राष्ट्र ही अनिवार्य सोडियम कटौती नीतियां लागू करते मिले है।
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73% सदस्य राष्ट्रों ने अपनी आबादी के लिए ऐसी बचावकारी नीतियों को पूर्णतया लागू नहीं किया है।
सोडियम कटौती नीतियां कड़ाई से लागू करने पर जीवनशैली रोगों से होने वाली मौतों को महत्वपूर्ण रूप से घटाया जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक, डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने अत्यधिक सोडियम मिले अस्वास्थ्यकर आहार को विश्व स्तर पर मृत्यु और बीमारी का एक प्रमुख कारण बताया है।
बचाव के लिए सभी देशों से सोडियम में कमी लाने और पैकेटबंद फ़ूड्स में इसकी मात्रा के लिए डब्ल्यूएचओ बेंचमार्क लागू करने को कहा गया है।
इसमें खाद्य पदार्थों की सोडियम मात्रा निर्धारित करना; अस्पतालों, स्कूलों, ऑफिस में नमक या सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों को सीमित करना; फ़ूड पैकेट्स पर सोडियम की मात्रा बताने और नमक/सोडियम की खपत कम करने के लिए मीडिया अभियान चलाने का सुझाव है।