Power of smile: दर्द के दौरान मुस्कुराना तकलीफ सहने और सकारात्मकता (positivity) बनाए रखने में सहायक है।
ऐसा एक हालिया स्टडी में पाया गया है, जिसमें तकलीफदेह काम के दौरान मुस्कुराने वालों की धड़कनें धीमी थी।
यही नहीं, उन्होंने स्वयं को भावनात्मक रूप से बेहतर महसूस होने की भी जानकारी दी।
उपरोक्त जानकारी के लिए यूएस विशेषज्ञों ने 20 वर्षीय 57 युवाओं की जांच की थी।
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सभी युवाओं को ठंडे तापमान के दौरान एक कष्टदायक कार्य करने को कहा गया।
उन्हें अपना एक हाथ तब तक ठंडे पानी में रखना था, जब तक वे तापमान बर्दाश्त कर सकें।
प्रयोग के दौरान, विशषज्ञों ने उनकी छाती पर सेंसर लगाकर धड़कनों पर नजर बनाए रखी।
फिर उनकी मुस्कुराहट पर ध्यान केंद्रित करते हुए चेहरे के भावों को मापने वाले विशेष सॉफ़्टवेयर का उपयोग किया।
परिणामों से पता चला कि दर्द होने पर मुस्कुराना लोगों की प्रतिक्रिया को उजागर करता है।
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ठंडे पानी के परीक्षण के दौरान स्वाभाविक रूप से मुस्कुराने वालों की धड़कनें तेज नहीं हुई।
इसके अलावा, उन्होंने परीक्षण के दर्द से उबरने के दौरान अधिक पॉजिटिव महसूस किया।
नतीजों के अनुसार, दर्द में मुस्कुराना मन और शरीर दोनों को बेहतर व पॉजिटिव रखने में मददगार है।
यह स्टडी जर्नल ऑफ़ पॉज़िटिव साइकोलॉजी में प्रकाशित हुई थी।
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