How to sleep better: नींद से जुड़ी समस्याओं से अक्सर काफ़ी लोग परेशान रहते है और बचाव के लिए कई उपायों का इस्तेमाल भी करते है।
हालांकि, नींद की गुणवत्ता बढ़ाने वाले कुछ प्रचलित उपाय उल्टा नींद ख़राब कर सकते है, ये कहना है एक अमेरिकी स्टडी का।
द नर्स प्रैक्टिशनर में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो नींद लाने में सहायक दवाएं या सप्लीमेंट्स, कैफीन का सेवन और दिन की झपकी नींद में सुधार की बजाए ख़लल डालते है।
ऐसे सहारों से कम नींद की भरपाई करने का मतलब नींद संबंधी विकारों को न्यौता देना है। इसमें अनिद्रा यानी इंसोमनिया (Insomnia) रोग प्रमुख है।
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स्टडी पर प्रकाशित रिपोर्ट में दैनिक दिनचर्या के छोटे-छोटे बदलावों से ही मदद मिलने की आशा की गई है। इससे दुष्प्रभाव और किसी सहारे पर निर्भरता का जोखिम भी नहीं रहता है।
स्टडी के नतीजे ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया या अनिद्रा जैसी समस्याओं से जूझ रहे 137 रोगियों की दो साल तक जांच करने के बाद प्रस्तुत किए गए है।
जानकारी देते समय लगभग दो-तिहाई रोगियों ने कैफीन का उपयोग करने की सूचना दी थी।
बता दें कि अक्सर दिन में नींद महसूस करने वाले ऊर्जावान रहने के लिए कैफीन का उपयोग करते है, लेकिन इससे रात की नींद भी बाधित हो सकती है।
लगभग 47 प्रतिशत रोगी डॉक्टरी सलाह से नींद की दवाएं ले रहे थे, जबकि 19 प्रतिशत ने डॉक्टरी पर्चे के बिना ही इस्तेमाल शुरू किया था।
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40 प्रतिशत से अधिक नींद की समस्याओं के लिए हर्बल उत्पादों का उपयोग कर रहे थे, जबकि एक चौथाई से अधिक रोगियों ने दिन में झपकी लेने की सूचना दी थी।
इन जानकारियों का विश्लेषण करने पर पता चला कि किसी दवा का उपयोग नहीं करने वाले रोगी, नींद की दवाएं या सप्लीमेंट लेने वालों के मुक़ाबले रैपिड ऑय मूवमेंट (Rapid eye movement -REM) स्टेज में जल्दी प्रवेश कर जाते थे।
इस तरह की अवस्था सोने के 90 मिनट बाद शुरू हो जाती है, जो सीखने और स्मृति में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
हालांकि, डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन की दवाएं लेने वाले मरीजों ने अन्य रोगियों की अपेक्षा इस अवस्था को भले ही कम महसूस किया हो, किंतु दवाओं से उनमें जल्दी और देर तक सोने की क्षमता देखी गई थी।
जो रोगी नींद के लिए किसी दवा या सप्लीमेंट का सहारा नहीं लेते थे, वो रात में अक्सर उठते थे और कम आरामदायक नींद सो पाते थे।
इसके अलावा, कैफीन और नियमित रूप से झपकी लेने वाले मरीजों को भी रात में देर से नींद आती थी।
रिपोर्ट में अच्छी नींद के लिए सोने का समय निश्चित करने, सोते समय टीवी या लाइट बंद रखने और दिन में झपकी न लेने जैसी सावधानियों का पालन करने से बिना किसी उपाय के ही बेहतर नींद आने की बात कही गई है।