Best sleeping position: अगर रात को सुखद नींद चाहते है तो अपने सोने की पोजीशन का ध्यान रखिए, ये सलाह है एम्स्टर्डम के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की।
उनके हालिया अध्ययन में पाया गया है कि नींद के दौरान बाई करवट (Left side) सोने से पेट में बनने वाला एसिड खाने की नली (Esophagus) से होते हुए ऊपर की ओर नहीं आता और तेजी से कम समय में ही शांत हो जाता है।
पेट के एसिड से जुड़ी इस समस्या को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (Gastroesophageal reflux disease- GERD) कहा जाता है।
एक अनुमान के अनुसार, इस रोग से ग्रस्त 80 फीसदी रोगियों को रात में शांत नींद नहीं आती और भारी असुविधा के कारण कई बार उठना पड़ता है।
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इस पाचन रोग में पेट का एसिड या पित्त भोजन नली को परेशान कर देता है।
इसके प्रमुख लक्षणों में सीने में जलन, खट्टी डकारें, उल्टी महसूस होना, मुंह से बदबू या सांस लेने में तकलीफ़ होती है।
ये समस्याएं आमतौर पर खाने के बाद होती है और लेटने पर बिगड़ने लगती है।
हालांकि, नए अध्ययन में विशेषज्ञों ने नींद की पोजीशन बदलने से पेट में एसिड के उफान को जल्द शांत होते पाया है।
इस अध्ययन में टीम ने 57 मरीजों की नींद की पोजीशन से उनकी रात की पाचन संबंधी परेशानी को जांचा।
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उन्होंने पाया कि दाएं करवट या कमर के बल सीधे सोने की तुलना में एसिड के हानिकारक प्रभाव बाएं करवट सोने में काफी कम समय तक बने रहे।
दाएं या सीधे सोने की अपेक्षा (76 और 90 सेकंड, क्रमशः) बाई पोजीशन सोने से एसिड क्लीयरेंस 35 सेकंड में ही हो गया।
निष्कषों को देखते हुए विशेषज्ञों की टीम ने रात के खाने के बाद एसिड के जोखिम और लक्षणों को कम करने के लिए बाएं करवट सोने का सुझाव दिया है।
इस बारे में विशेषज्ञों ने द अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में जानकारी दी है।