आमतौर पर सेहत (health) के लिए ज्यादा देर तक बैठना और कम चलना बीमारियों को आमंत्रण देना माना जाता है। ये भी कहा जाता है कि ज्यादा देर तक बैठ कर काम करने वालों की याददाश्त (memory) और तर्क क्षमता (reasoning) भी उम्र बढ़ने के साथ कम होती जाती है। इस जोखिम को कम करने के लिए और अच्छी सेहत (good health) के लिए अक्सर डॉक्टर्स और फिटनस एक्सपर्ट नियमित व्यायाम (exercise) करने की सलाह देते हैं।
लेकिन अब Colorado State University (CSU) द्वारा किए गए वयस्कों का एक नया अध्ययन बताता है कि सभी गतिहीनता (sitting) खराब नहीं है।
क्या कहती है नई रिसर्च
CSU डिपार्टमेंट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट एंड फैमिली स्टडीज में असिस्टेंट प्रोफेसर आगा बुर्ज़िनस्का के शोध ने 228 स्वस्थ वृद्ध वयस्कों, जिनकी आयु 60 से 80 वर्ष थी, के नमूने में सेंसर द्वारा मापी गई शारीरिक गतिविधि और संज्ञानात्मक प्रदर्शन के बीच संबंध की जांच की।
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इन परिणामों से पता चला है कि मध्यम-से-जोरदार गतिविधि करने वाले वयस्कों में बेहतर गति, स्मृति (memory) और तर्क क्षमता (reasoning power) थी। लेकिन अधिक समय बैठे (sitting) रहने वाले वयस्कों ने शब्दावली और तर्क कार्यों पर बेहतर प्रदर्शन किया।
इसका मतलब है कि हालांकि अच्छे स्वास्थ्य (good health) के लिए तो हल्की शारीरिक गतिविधि (light physical activity) की सिफारिश की गई है, लेकिन बैठे रहने से दिमाग की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, इस तरह के तर्क का कोई सबूत नहीं है।
इस रिसर्च से क्या समझे
वैज्ञानिकों के मुताबिक हालाकिं स्वास्थ्य और कल्याण (health and wellness) के लिए बैठना आपके शरीर के लिए हमेशा बुरा होता है और जो लोग अधिक समय बैठे रहने में बिताते हैं, उनकी उम्र कम हो सकती है।
लेकिन यह रिसर्च बताती हैं कि बैठने का समय भी सार्थक हो सकता है अगर आप इसे टीवी देखने के बजाय किताब या अख़बार पढ़ने, पहेली हल करने और कोई भाषा सिखने में बिताते है। इससे मस्तिष्क की कार्य क्षमता बढ़ती है।