अक्सर अच्छे स्वास्थ्य के लिए लोगों को आहार में ज़्यादा फाइबर (Dietary Fiber) खाने की सलाह दी जाती है।
लेकिन न्यूयॉर्क की एक यूनिवर्सिटी की खोज में उपरोक्त सलाह को ‘असंगत’ बताया गया है।
कॉर्नेल यूनिवर्सिटी की नई स्टडी से पता चला है कि फाइबर का स्वास्थ्य प्रभाव हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है।
स्टडी टीम के अनुसार, फाइबर खाने की सिफारिशें प्रत्येक व्यक्ति के आंत माइक्रोबायोम के अनुरूप होनी चाहिए।
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इस विषय पर की गई उनकी स्टडी हाल ही में जर्नल गट माइक्रोब्स में प्रकाशित हुई है।
यह स्टडी रेसिस्टेंट स्टार्च (Resistant starch) पर आधारित है। ऐसा फाइबर हमें ब्रेड, आलू, साबुत अनाज, कच्चे केले और भूरे चावल में मिलता है।
स्टडी में, वैज्ञानिकों ने सात सप्ताह तक 59 इंसानों के तीन आहार फाइबर से हुए इलाज का विश्लेषण किया था।
उन्होंने दो अलग-अलग प्रकार के रेजिस्टेंस स्टार्च से प्रभावित होने वाले आंत सूक्ष्मजीवों की पहचान की।
उन्हें इस बात के प्रमाण मिले कि प्रत्येक व्यक्ति में रेसिस्टेंट स्टार्च खाने से अलग प्रतिक्रिया हो सकती है।
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इस प्रतिक्रिया के फलस्वरूप कुछ लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिलते है और कुछ को बहुत कम या कोई लाभ नहीं मिलता है।
इसका कारण किसी व्यक्ति के आंत माइक्रोबायोम की विविधता और संरचना के स्तर से जुड़ा हो सकता है।
चूंकि आहार फाइबर व कार्बोहाइड्रेट कई प्रकार के होते हैं, इसलिए सभी को एक जैसा फाइबर खाने की सलाह नहीं दी जा सकती है।
सही और स्वास्थ्यवर्धक फाइबर बताने के लिए व्यक्ति से संबंधित विभिन्न कारकों को जानना ज़रूरी है।
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