Short sleep causes type 2 diabetes: माना जाता है कि गलत खान-पान वालों को टाइप 2 डायबिटीज रोग का खतरा अधिक होता है।
लेकिन क्या आप जानते है कि केवल तीन से पांच घंटे सोने वाले भी टाइप 2 डायबिटीज के शिकार हो सकते है?
जी हाँ, ये चौंकाने वाली जानकारी दी है स्वीडन की एक यूनिवर्सिटी ने।
उप्साला यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में हुई इस स्टडी में स्वीडन सहित चीन और जर्मनी के वैज्ञानिक भी शामिल थे।
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उनकी मानें तो नींद की कमी से शरीर को हुए नुकसान की भरपाई केवल स्वस्थ भोजन से नहीं की जा सकती है।
गौरतलब है कि टाइप 2 डायबिटीज रोग शरीर की ग्लूकोज नियंत्रण क्षमता को प्रभावित करता है।
इससे इंसुलिन में बाधा आती है जिसके परिणामस्वरूप ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है।
ज्ञात हो कि पूरे विश्व में डायबिटीज की बीमारी एक बढ़ती सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है।
इस जानकारी के लिए वैज्ञानिक टीम ने यूके बायोबैंक के हेल्थ डेटा का 10 वर्षों से अधिक समय तक विश्लेषण किया था।
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दो लाख से अधिक लोगों की जांच के बाद तीन से पांच घंटे की नींद से टाइप 2 डायबिटीज विकास का उच्च जोखिम पाया गया।
इसके विपरीत, स्वस्थ खान-पान की आदतों से इस बीमारी के विकसित होने का जोखिम कम भी हुआ था।
लेकिन स्वस्थ भोजन खाने के बावजूद छह घंटे से कम सोने वालों को भी टाइप 2 डायबिटीज का खतरा अधिक देखा गया।
यह देखते हुए टीम ने निरोगी स्वास्थ्य के लिए सात से आठ घंटे की सुखद नींद को महत्वपूर्ण बताया है।
हालांकि, नींद की कमी के प्रभाव विभिन्न देशों के व्यक्तियों के बीच अलग-अलग हो सकते है।
ये प्रभाव आनुवंशिकी और व्यक्ति की नींद की वास्तविक आवश्यकता जैसे पहलुओं पर निर्भर करते है।
इस बारे में विस्तारपूर्वक जानने के लिए जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित स्टडी पढ़ी जा सकती है।