Loneliness treatment: अकेलेपन से डिप्रेशन, चिंता और अन्य स्वास्थ्य विकार पनपते है।
कहा जाता है कि इंसानों के लिए अकेलापन 15 सिगरेट पीने जितना जानलेवा है।
सेहत पर अकेलेपन का सर्वाधिक दुष्प्रभाव COVID-19 महामारी में देखा गया था।
लेकिन अकेलेपन से निपटने में अन्य उपायों के अलावा सामाजिक मेलजोल सहायक कहा गया है।
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यही नहीं, किसी इंसान की भावनात्मक स्थिति भी अकेलेपन से लड़ने में प्रभावी जानी गई है।
इस बारे में यूएस वैज्ञानिकों ने 500 से अधिक पुरुषों और महिलाओं द्वारा अकेलेपन की भयावहता और प्रभावों को जाना।
येल और नेब्रास्का-लिंकन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की यह संयुक्त स्टडी कोरोनाकाल में आरंभ हुई थी।
इस स्टडी के नतीजे अब जर्नल ऑफ़ रिसर्च इन पर्सनैलिटी में प्रकाशित हुए है।
स्टडी के सर्वेक्षण से सभी इंसानों के अकेलेपन, सामाजिक जुड़ाव और विभिन्न भावनाओं का आकलन किया गया।
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आकलन में नकारात्मक विचार अकेलेपन की पीड़ा को बढ़ाते हुए मिले जबकि सकारात्मक भावनाओं ने इसे कम किया।
अकेलेपन और नकारात्मकता का असर सामाजिक मेल-मिलाप रखने वालों में कमज़ोर था।
नियमित रूप से दोस्तों और परिवार के साथ भावनाएं साझा करने वालों पर अकेलापन का कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखा।
साफ़ था कि अकेलेपन से नकारात्मक विचार बढ़ते है जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को हानि होती है।
वैज्ञानिकों ने मेलजोल और सकारात्मक भावनाओं को प्रोत्साहित करके अकेलेपन की नेगेटिविटी में कमी पाई है।
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