Sedentary time risk: देर तक एक ही जगह बैठे रहना हर उम्र वालों के शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
इसी दिशा में हुई एक नई स्टडी ने घंटों बैठे रहने से 17 वर्षीय किशोरों के दिल को ख़तरा बताया है।
स्टडी का कहना है कि किशोरों का गतिहीन समय उनके दिल के आकार को तीन गुना अधिक बढ़ा सकता है।
इस बारे में यूके और फ़िनलैंड की यूनिवर्सिटीज ने स्कैंडिनेवियाई जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स में एक पेपर प्रकाशित किया है।
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पेपर में कहा गया है कि बिना फिजिकल एक्टिविटी से दिल का बढ़ा हुआ साइज़ महत्वपूर्ण कार्यों में गिरावट लाता है।
नतीजन, किशोरों में हार्ट फेलियर, मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन, स्ट्रोक और असमय मृत्यु का जोखिम बढ़ सकता है। .
डब्ल्यूएचओ की ताज़ा रिपोर्ट का दावा है कि दुनिया भर में 80% से अधिक किशोर प्रतिदिन पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करते है।
शारीरिक निष्क्रियता से हृदय रोग, मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और कैंसर जैसी अन्य बीमारियों का ख़तरा पनपता है।
इस बारे में ठोस खोज करते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यूके के 17 वर्ष की आयु वाले 530 किशोरों और किशोरियों की जांच की।
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उनके संपूर्ण हेल्थ रिकॉर्ड के विश्लेषण से पता चला कि औसतन दिन के लगभग आठ घंटे बैठने वालों के दिल का साइज़, रोज़ाना 49 मिनट की मध्यम-से-जोरदार एक्सरसाइज करने वालों की अपेक्षा, तीन गुना अधिक था।
हालांकि, प्रतिदिन हल्की एक्सरसाइज करने से कार्डियक मास में वृद्धि नहीं मिली।
उल्टा बाएं वेंट्रिकुलर फ़ंक्शन बेहतर होने से कार्डियक फ़ंक्शन में सुधार आते देखा गया।
प्राप्त नतीजों के आधार पर हृदय स्वास्थ्य के लिए अधिक गतिहीन समय को घातक जाना गया।
गौरतलब है कि वयस्कों के कार्डियक मास में 5g/m2 की वृद्धि हृदय रोग और मृत्यु के जोखिम को 7 से 20% तक बढ़ा सकती है।
एक्सरसाइज के मुक़ाबले देर तक बैठे हुए समय बिताने से बढ़ा हुआ दिल स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालता है।
स्वस्थ हृदय के लिए स्कूल स्तर से ही बच्चों में फिजिकल एक्टिविटी को प्रोत्साहन देना अनिवार्य कहा गया है।
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