क्या भविष्य में एक और कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) आ सकती है? इस संभावना से वैज्ञानिकों ने इंकार नहीं किया है।
हालांकि, राहत की बात यह है कि उन्होंने भविष्य की महामारी से निपटने के लिए अभी से एक स्रोत खोज निकाला है।
इस स्रोत को ध्यान में रखते हुए ऐसी दवा बनाने पर काम हो रहा है, जो न केवल वर्तमान कोरोना वायरस SARS-CoV-2, बल्कि आने वाले नए वायरस की भी रोकथाम कर सकेगी।
शिकागो के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन से जुड़े वैज्ञानिकों की मानें तो साल 2028 में एक संभावित कोरोनावायरस महामारी आ सकती है।
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ऐसी भविष्यवाणी सात साल के पैटर्न को ध्यान में रखते हुए की गई है।
इससे पहले वैज्ञानिकों की टीम ने सभी कोरोनावायरस में मौजूद एक प्रोटीन संरचना की जांच की।
इससे जुड़ी जानकारी के आधार पर ही उन्होंने भविष्य के कोरोना वायरस के साथ-साथ वर्तमान SARS-CoV-2 के खिलाफ भी प्रभावकारी दवा के विकास की उम्मीद जताई।
उनके विचार में भविष्य की यह दवा संक्रमण में जल्दी काम करेगी।
वायरस संक्रमित होने पर इस दवा को सिर्फ तीन या चार दिनों तक लेना होगा। इसके प्रभाव से गंभीर और जानलेवा संक्रमण नहीं होगा, ऐसा उनका विश्वास था।
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साइंस सिग्नलिंग में प्रकाशित उनकी यह रिसर्च, वायरस को प्रतिरक्षा प्रणाली से छिपाने में मदद करने वाले एक खुफिया तंत्र की पहचान पर आधारित है।
एनएसपी16 (nsp16) नामक प्रोटीन में बनी एक खास जगह, कोरोना वायरस के जीनोमिक हिस्से को मेटल आयन से बांध लेती है। इस हिस्से को वायरस संक्रमण फैलाने वाले सांचे के रूप में इस्तेमाल करता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, वायरस को रोकने के लिए इस प्रोटीन के कार्य को बंद करने वाली दवा बनाना जरूरी है। लेकिन दवा मानव कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन के कार्य को नहीं रोकेगी।
ऐसे में दवा का असर केवल आक्रमणकारी प्रोटीन पर ही होगा।
nsp16 को प्रमुख वायरल प्रोटीनों में से एक माना जाता है। किसी व्यक्ति के संक्रमित होने के तुरंत बाद वायरस को रोकने के लिए इसे दवाओं द्वारा बाधित किया जा सकता है।
ऐसा करने से मरीज के गंभीर रूप से बीमार होने से पहले ही वायरस को रोका जा सकेगा।
चूंकि nsp16 पर बहुत कम शोध हुए थे, इसलिए टीम ने इस प्रोटीन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने का काम किया और अब प्रोटीन के खिलाफ दवाएं बनाने में इस जानकारी का इस्तेमाल होगा।
टीम के अनुसार, हालांकि कुछ कोरोनावायरस प्रोटीन बहुत भिन्न होते है, तो भी उनमें से अधिकांश में nsp16 लगभग समान होता है।
वैज्ञानिकों द्वारा प्रोटीन में खोजी गई ख़ास जगह सभी अन्य कोरोना वायरस सदस्यों में भी होती है।
इसका मतलब है कि इस जगह को बंद करने के लिए तैयार की गई दवाएं भविष्य में उभरने वाले वायरस सहित सभी कोरोना वायरस के खिलाफ काम करेंगी।
यहां तक कि इसे कोरोना वायरस के कारण होने वाली सामान्य सर्दी भी रोकी जा सकती है, ऐसा वैज्ञानिकों का कहना था।
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