Depression treatment: पुरुषों की तुलना में महिलाओं को डिप्रेशन (Depression) ज़्यादा होता है।
इसलिए, कई बार उनका इलाज करना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसका कारण ढूंढ निकाला है।
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, डेविस के वैज्ञानिकों ने अन्य संस्थाओं संग मिलकर डिप्रेशन से प्रभावित होने वाले दिमाग़ के एक विशिष्ट हिस्से का पता लगाया है।
न्यूक्लियस एक्यूमेंस (Nucleus accumbens) नामक यह हिस्सा डिप्रेशन से प्रभावित मोटिवेशन (Motivation), सामाजिक संपर्क और लाभ-हानि से जुड़े अनुभवों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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चूहों पर रिसर्च करते हुए वैज्ञानिकों ने पाया कि न्यूक्लियस एक्यूमेंस में डिप्रेशन करने वाले विभिन्न जीन ऑन-ऑफ़ होते रहते है। ये जीन महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा अधिक ताकतवर देखने को मिले।
चूहों और इंसानों के दिमाग में समान जीन की पहचान के बाद, उन्होंने Rgs2 जीन पर ध्यान केंद्रित किया। यह जीन डिप्रेशन लेवल घटाने वाले एक प्रोटीन को नियंत्रित करने में सक्षम था।
वैज्ञानिकों द्वारा चूहों के न्यूक्लियस एक्यूमेंस में Rgs2 प्रोटीन की वृद्धि करना तनाव को असरदार ढंग से कम करने वाला प्रयास रहा।
परिणाम से उत्साहित वैज्ञानिक दल का मानना था कि डिप्रेशन और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे रोगियों में Rgs2 जैसे प्रोटीन को बढ़ाने से बेहतर इलाज हो सकेगा।
ऐसे सकारात्मक नतीजे मिलने के बाद, डिप्रेशन पीड़ितों के इलाज के लिए प्रभावी दवाओं का निर्माण करना संभव होगा।
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अधिक जानकारी के लिए बायोलॉजिकल सायकियाट्री जर्नल में प्रकाशित रिसर्च पढ़ी जा सकती है।
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