क्या आप जानते है कि मोटापा (Obesity) बढ़ाने वाला दुश्मन आपके पेट में ही छुपा हुआ है?
लेकिन अब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसे ढूंढ निकाला है।
उनके अनुसार, इंसानी मोटापे को विकसित करने वाले एक विशिष्ट प्रोटीन को अगर रोक दिया जाए तो वजन बढ़ने और इससे संबंधित अन्य समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपी इस रिसर्च के मुताबिक, गैस्ट्रोकिन-1 (जीकेएन1) नाम के प्रोटीन का इलाज करने से वजन कम करने और बनाए रखने में संघर्ष कर रहे मनुष्यों की मदद करना संभव होगा।
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दरअसल, यह प्रोटीन पेट में भरपूर मात्रा में बनता है और पाचन तंत्र कमजोर करता है।
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जीकेएन1 प्रोटीन को बाधित करने से वजन और शरीर की चर्बी के स्तर में महत्वपूर्ण अंतर लाया जा सकता है।
हालांकि, वजन घटाने में आहार और व्यायाम भी महत्वपूर्ण है, लेकिन कईयों के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी के बाद भी वजन कम करना एक चुनौती हो सकता है।
आपको बता दे कि मोटापे से न केवल स्ट्रोक, डायबिटीज, कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का विकास होता है, बल्कि COVID -19 के गंभीर होने का खतरा भी बना रहता है।
चूहों पर हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इस प्रोटीन का सूक्ष्म विश्लेषण किया।
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उन्होंने देखा कि बिना जीकेएन1 वाले चूहों का वजन और शरीर में चर्बी का स्तर कम था। जब उन्हें ज्यादा चिकनाई वाला खाना दिया गया तो भी उनका वजन, शरीर की चर्बी और लिवर की सूजन में वृद्धि नहीं हुई।
यहां तक कि उनमें कैंसर, डायबिटीज, भूख न लगना, पाचन तंत्र में खराबी या सूजन जैसे दुष्प्रभाव भी देखने को नहीं मिले।
लेकिन जिन चूहों में जीकेएन1 प्रोटीन को कमजोर नहीं किया गया, उनमें ऐसे प्रभाव नदारद थे।
वैज्ञानिकों का मानना था कि मोटापे को रोकने के लिए सिर्फ जीकेएन1 प्रोटीन को अवरुद्ध करने से ही फायदा होगा, यह निर्धारित करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।
अगर सफलता मिलती है तो इसके उपचार से न केवल हेल्थ केयर सिस्टम का बोझ कम होगा, बल्कि मोटापा पीड़ितों के जीवन में भी सुधार होगा।
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