सिर और गले के कैंसर से परेशान मरीजों के लिए नीदरलैंड्स कैंसर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने एक वरदान ढूंढ निकाला है। ये शोधकर्ताओं प्रोस्टेट कैंसर पर रिसर्च कर रहे थे जब उन्हें यह अंग मिला। उनका मानना है कि कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए यह खोज काफी मददगार साबित होगी।जर्नल रेडियोथेरेपी और ऑन्कोलॉजी (journal Radiotherapy and Oncology) में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, एम्सटर्डम स्थित नीदरलैंड्स कैंसर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर में गले के ऊपरी हिस्से में लार ग्रंथियों का एक सेट खोजा है जो करीब 1.5 इंच का है। मानव शरीर में सलाइवरी ग्लैंड्स (salivary glands) के तीन बड़े सेट होते हैं। उन्होंने इन ग्लैंड्स का नाम ‘ट्यूबेरियल ग्लैंड्स’ बताया है, जो गले के ऊपरी हिस्से में दो लार ग्रंथियां मिले हैं। हैरानी की बात है कि इसके बारे में उन्हें अब तक कोई जानकारी ही नहीं थी।
शोधकर्ताओं ने माना कि इस खोज से रेडियोथेरेपी की वो तकनीकें विकसित करने और समझने में मदद मिलेगी, जिनसे कैंसर के मरीज़ों को लार और निगलने में होने वाली समस्याओं को दूर किया जा सकेगा।
माना जा रहा है कि पिछली तीन सदियों में मानव शरीर संरचना से जुड़ी यह अब तक की सबसे बड़ी खोज है. इससे आगे चिकित्सा विज्ञान और जीवन को बेहतर करने में काफी मदद मिलेगी. सबसे ज्यादा उन्हें मदद मिलेगी, जिन्हें गले और सिर के कैंसर के दर्दनाक इलाज से गुजरना पड़ता है. ऐसे मरीजों के लिए यह काफी मददगार साबित होगा.