Obesity causing genes: माना जाता है कि कम एक्टिव लाइफस्टाइल और ज्यादा कैलोरी वाला भोजन मोटापे को बढ़ाते है, लेकिन हमारे जीन भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
ये कहना है अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम का जिन्होंने हाल ही में अपने पहले प्रयोग में शरीर के 14 ऐसे जीन (genes) ढूंढे है जो मोटापा करते है।
उनके मुताबिक, अत्यधिक भोजन को शारीरिक चर्बी में बदलने वाले इन जीनों को कंट्रोल करके मोटापे सहित डायबिटीज, हृदय रोगों और अन्य कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।
इसके अलावा, प्रयोग से जुड़ी वर्जिनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम ने तीन नए जीन भी ढूंढे है, जो वजन बढ़ने को रोक सकते है।
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यह निर्धारित करने के लिए कि कौन से जीन वजन बढ़ाने या रोकने में सहायक भूमिका निभाते है, टीम ने प्रयोगशाला में सी एलिगेंस (C elegans worms) की मदद से मोटापे का एक कृमि मॉडल विकसित किया।
सड़ी-गली वनस्पतियों और नम जमीन में पनपने वाले ये कृमि, अति सूक्ष्म जीवों को खाने में उस्ताद होते है।
आपको जानकर हैरानीं होगी कि इन कृमियों का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हमारे जीन जैसा ही है। इंसानों की तरह ज्यादा मीठा खाने पर ये भी मोटे हो जाते हैं।
कृमियों का उपयोग करते हुए, टीम ने लोगों में मोटापे से जुड़े 293 जीनों की जांच की। इससे यह पता लगाया गया कि कौन से जीन वास्तव में मोटापे करते है या कौन से रोकते है।
इसके लिए कुछ कृमियों को नियमित आहार और कुछ को ज्यादा मीठे वाला आहार खिलाया गया।
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मोटापे का कारण बनने वाले 14 जीनों और इसे रोकने में मदद करने वाले तीन जीनों की पहचान करने के अलावा, टीम ने यह भी पाया कि मोटापा रोकने वाले जीनों ने कृमियों को लंबे समय तक जीवित रहने और नर्वस सिस्टम बेहतर बनाने में भी मदद की।
ये ठीक उसी प्रकार के लाभ है जो मोटापा रोधी दवाओं के इस्तेमाल से प्राप्त हो सकते है।
वैज्ञानिक पत्रिका पीएलओएस जेनेटिक्स में प्रकाशित निष्कर्षों ने स्वास्थ्य प्रणाली पर मोटापे की बीमारी के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए इससे जुड़े उपचारों की तत्काल आवश्यकता भी बताई है।