आंत में पाए जाने वाले अति सूक्ष्म जीवाणुओं (Gut microbiome) में हुई गड़बड़ी ही मानव जीवन में कई घातक बीमारियों का खतरा उत्पन्न करती है।
यह ख़ुलासा वैज्ञानिकों की एक यूरोपीय-इजरायल टीम ने हृदय रोग पीड़ितों के आंत माइक्रोबायोम की जांच के बाद किया है।
जांच से मिले नवीनतम नतीजों के बाद वैज्ञानिकों ने दुनिया भर में बीमारियों से असमय होने वाली मौतों को रोकने के लिए फलों-सब्जियों के सेवन के अलावा रोज़ाना एक्सरसाइज करने और धूम्रपान से बचने की सलाह दी है।
यह एक सर्वविदित तथ्य है कि मानव आंत में खरबों ऐसे बैक्टीरिया होते है, जो स्वास्थ्य पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव डालते है।
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संतुलित अवस्था में रहने पर ये बैक्टीरिया स्वास्थ्यवर्धक रसायनों का उत्सर्जन करते है।
इसके विपरीत, खराब आहार, धूम्रपान, शारीरिक गतिविधि की कमी या बीमारी में यही माइक्रोबायोम असंतुलित होकर ऐसे रसायनों का उत्पादन करते है, जो कई विकारों को जन्म देते है।
ऐसे विकारों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट फेलियर, एंजाइना आदि हृदय संबंधित समस्याएं प्रमुख है।
कई बार इन विकारों के उपचार में दी जाने वाली दवाएं भी पेट के माइक्रोबायोम को असंतुलित कर देती है।
वैज्ञानिकों को इससे जुड़े सबूत डेनमार्क, फ्रांस और जर्मनी के एक हजार से ज्यादा मध्यम आयु वाले स्वस्थ और कई बीमारियों से ग्रस्त निवासियों की आंत और खून की जांच से मिले।
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इनमें मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग वाले शामिल थे।
शुरूआती जांच में लगभग 700 विभिन्न जीवाणु प्रजातियों को देखा गया और आंत माइक्रोबायोम में उनके कार्यों का अनुमान लगाया गया।
उनकी तुलना खून में मिले 1,000 से अधिक रसायनों से की गई, जिनमें से कई आंत से उत्पन्न हुए थे।
वैज्ञानिकों को पता चला कि दिल के रोगियों में लगभग आधे बैक्टीरिया और रसायनों में दवाओं ने बदलाव किया था और शेष आधे आंत माइक्रोबायोम में लगभग 75 प्रतिशत गड़बड़ी अधिक वजन और टाइप 2 डायबिटीज के कारण हुई था।
इसके अलावा, रोगियों में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले बैक्टीरिया की किस्में भी कम थी। उनके ब्लड टेस्ट से मिले स्वास्थ्यवर्धक रसायनों के विश्लेषण में आंत माइक्रोबायोम के असंतुलन को स्पष्ट तौर से देखा जा सकता था।
इस बारे में और जानकारी देते हुए वैज्ञानिक दल का कहना था कि हृदय रोग पीड़ितों के आंत माइक्रोबायोम में असंतुलन के चलते जबरदस्त परिवर्तन होते है।
गौरतलब है कि ये परिवर्तन हृदय रोग की शुरुआत से कई साल पहले ही शुरू हो सकते है।
हालांकि, दवाओं के उपचार में इन माइक्रोबायोम परिवर्तनों को नहीं समझाया गया है।
नेचर मेडिसिन जर्नल में छपे नतीजों में उन्होंने अधिक शाकाहार, भरपूर पानी, फाइबर, एक्सरसाइज के अलावा ज्यादा चिकनाई और धूम्रपान छोड़ने से असंतुलित आंत माइक्रोबायोम को सुधारने की संभावना जताई है।
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