हाई ब्लड प्रेशर के मरीज अगर सामान्य नमक की जगह इसके विकल्प का इस्तेमाल करें तो उनके स्वास्थ्य को लाभ हो सकता है।
भारत के ग्रामीण इलाकों में हाई ब्लड प्रेशर (hypertension) के मरीजों पर ऑस्ट्रेलिया के द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ द्वारा किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि स्वाद में बदलाव लाए बिना पोटेशियम (potassium) के साथ नमक में मौजूद सोडियम (sodium) के एक छोटे से हिस्से को बदलने से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (systolic blood pressure) में काफी कमी आई।
यह तो हम सभी जानते है कि अत्यधिक नमक खाना ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, जो हृदय रोग के लिए एक प्रमुख खतरा है।
दुनिया भर में लगभग सभी देशों के नागरिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा बताई नमक की पूरे दिन में 5 ग्राम से कम मात्रा (जिसमें सिर्फ 2 ग्राम सोडियम हो) से दोगुनी खपत करते है।
- Advertisement -
भारत में भी नमक का एक बड़ा हिस्सा भोजन से ही आता है।
नमक के विकल्प से ब्लड प्रेशर सामान्य करने वाले इस अध्ययन को तेलंगाना राज्य के सिद्दीपेट क्षेत्र में आयोजित किया गया, जहां सात गांवों के हाई ब्लड प्रेशर वाले 502 ग्रामीणों को शामिल किया गया।
इनको या तो घरेलू नमक (100 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड) या नमक का विकल्प (70 प्रतिशत सोडियम क्लोराइड / 30 प्रतिशत पोटेशियम क्लोराइड का मिश्रण) दिया गया।
शुरुआती परिणाम में सामान्य नमक लेने वालों की तुलना में नमक का विकल्प लेने वालों में तीन महीने में ही सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर लगभग 4.6 यूनिट घटा, जो ऐसा कम करने वाली दवाओं के बराबर था।
यही नहीं, नमक विकल्प लेने वालों में हृदय लाभकारी पोटेशियम की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और उनके स्वाद में कोई बदलाव भी नहीं हुआ।
- Advertisement -
निष्कर्ष बताते है कि घरेलू नमक की जगह कम सोडियम, लेकिन ज्यादा पोटेशियम वाला नमक इस्तेमाल करने से ग्रामीण भारत में हाई ब्लड प्रेशर के बढ़ते मामलों को ठीक करने में मदद मिलेगी।
नमक बदल कर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में कमी लाने से जुड़ा अपनी तरह का यह पहला अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित किया गया।