Paracetamol risk: बुखार और बदन दर्द मिटाने के लिए अक्सर पेरासिटामोल दवा लेना सुरक्षित माना जाता है। लेकिन क्या आप यक़ीन करेंगे कि इस दवा से मौत भी हो सकती है?
हाल ही में प्रकाशित एक बड़े अध्ययन के निष्कर्षों को जानने के बाद डॉक्टरों ने लोगों को पानी में घुलनशील नमक मिली पेरासिटामोल की गोली लेने से बचने की चेतावनी दी है।
उनका कहना है कि पेरासिटामोल की ऐसी गोली का सेवन दिल के दौरे, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर और मृत्यु के अत्यधिक खतरे को दिखाता है।
इसकी संभावना यूके के लगभग 300,000 रोगियों की जांच में उजागर हुई है।
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नमक का मुख्य तत्व सोडियम अक्सर पैरासिटामोल (Acetaminophen) जैसी दवाओं को घुलनशील बनाने में मदद करता है।
विशेषज्ञों को आशंका है कि यदि कोई व्यक्ति हर छह घंटे में दो 0.5 ग्राम गोलियों की अधिकतम दैनिक खुराक लेता है, तो वह गोलियों को घुलनशील बनाने में इस्तेमाल नमक और अन्य पदार्थों के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय कुल दैनिक नमक सेवन के 2 ग्राम से अधिक का उपभोग कर सकता है।
बहुत अधिक नमक वैसे भी हाई बीपी के रोगियों में हृदय रोगों और मौत का खतरा बढ़ाता है।
अध्ययन से जुड़े चीन के विशेषज्ञों ने सोडियम युक्त पैरासिटामोल लेने वाले हाई बीपी के 4,532 रोगियों की तुलना हाई बीपी के ही ऐसे 146,866 रोगियों से की जो सोडियम रहित पैरासिटामोल लेते थे।
उनके अलावा, बिना हाई बीपी के सोडियम युक्त पैरासिटामोल लेने वाले 5,351 रोगियों की तुलना बिना हाई बीपी के ही 141,948 रोगियों के साथ की गई जिन्होंने सोडियम रहित पैरासिटामोल की गोली लेनी शुरू की थी।
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सभी रोगियों की आयु 60 से 90 वर्ष थी और शोधकर्ताओं ने एक वर्ष तक उनके स्वास्थ्य पर नज़र रखी।
आपको जानकार हैरानीं होगी कि सोडियम युक्त पैरासिटामोल लेने वाले हाई बीपी मरीजों को एक वर्ष के बाद दिल का दौरा, स्ट्रोक या हार्ट फेलियर का जोखिम 5.6 और नहीं लेने वालों को 4.6 प्रतिशत था।
यही नहीं, एक साल में सोडियम युक्त पैरासिटामोल लेने वालों को मौत का खतरा भी 7.6 प्रतिशत था, जबकि न लेने वालों को 6.1 प्रतिशत था।
ऐसा ही खतरा सोडियम युक्त पैरासिटामोल लेने वाले बिना हाई बीपी के रोगियों पर भी मंडरा रहा था।
उन्हें भी बिना सोडियम युक्त पैरासिटामोल लेने वालों की अपेक्षा एक साल में दिल की बीमारियों का 4.4 प्रतिशत और मरने का 7.3 प्रतिशत जोख़िम था।
विशेषज्ञों के अनुसार, हाई बीपी वालों और बिना – दोनों तरह के रोगियों में सोडियम युक्त पेरासिटामोल की बढ़ती खुराक के साथ ही दिल के दौरे, हार्ट फेलियर सहित मौत का खतरा भी अधिक होता गया।
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में, विशेषज्ञों का सुझाव था कि चिकित्सकों और रोगियों को सोडियम मिली पेरासिटामोल से जुड़े नुकसान का पता होना चाहिए और लंबे समय तक इसकी अनावश्यक खपत से बचना चाहिए।