नमक का अधिक सेवन (High salt intake) भूलने की बीमारी पैदा कर सकता है, ऐसा एक हालिया स्टडी में देखा गया है।
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने अपनी तरह के पहले अध्ययन द्वारा मस्तिष्क में गहरे रक्त प्रवाह और इसकी कोशिकाओं की गतिविधि के बीच संबंधों का पता लगाया है।
साथ ही यह भी पता लगाया है कि नमक के सेवन से मस्तिष्क कैसे प्रभावित होता है, जिसके परिणामस्वरूप अल्जाइमर (Alzheimer’s) जैसी भूलने और अन्य दिमागी कामकाज ठप्प करने वाली बीमारी होती है।
स्टडी में, जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी की खोजी टीम ने मस्तिष्क के एक महत्वपूर्ण हिस्से हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) पर ध्यान केंद्रित किया। यह मस्तिष्क क्षेत्र खाने, पीने, प्रजनन और शरीर के तापमान को बनाए रखने सहित अन्य जरूरी कार्यों में शामिल रहता है।
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जर्नल सेल रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन में यूनिवर्सिटी के खोजी दल ने नमक खाने से हाइपोथैलेमस में रक्त के बदलते प्रवाह को जांचना शुरू किया।
अध्ययन के अनुसार, नमकीन चीजे खाने पर मस्तिष्क इसे कंट्रोल करने के लिए न्यूरॉन्स द्वारा वैसोप्रेसिन (Vasopressin) उत्पन्न करता है। यह एक ऐसा हार्मोन है जो शरीर में नमक और ग्लूकोज की उचित मात्रा को बनाए रखने का काम करता है। इस क्रिया से ब्लड प्रेशर बढ़ता है।
लेकिन, पिछले अध्ययनों द्वारा न्यूरॉन गतिविधि और रक्त प्रवाह में वृद्धि के बीच एक सकारात्मक लिंक बताने के विपरीत नए अध्ययन में रक्त प्रवाह कम होते देखा गया। ऐसा हाइपोथैलेमस न्यूरॉन्स के सक्रिय होने से हुआ।
रक्त प्रवाह में कमी अल्जाइमर, स्ट्रोक या इस्किमिया जैसी बीमारियों के बाद आमतौर पर कोर्टेक्स (Cortex) में देखी जाती है। दिमाग का यह हिस्सा जानकारी, सोच, याददाश्त, भाषा और चेतना से जुड़ा है।
कोर्टेक्स के विपरीत हाइपोथैलेमस में रक्त प्रवाह होने की प्रतिक्रिया लंबे समय बाद धीरे-धीरे होती रही। इससे दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होने से हाइपोक्सिया (Hypoxia) की स्थिति पैदा होने का खतरा हो गया।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक, लगातार बहुत अधिक नमक का सेवन करने से वैसोप्रेसिन न्यूरॉन्स का स्तर ऊंचा रहेगा। इससे अत्यधिक हाइपोक्सिया हो सकता है, जिससे मस्तिष्क के सिस्टम को नुकसान होगा।
उनका मानना था कि इस प्रक्रिया को अच्छी तरह समझने पर नए उपचार खोजना संभव है, जिससे ज्यादा नमक खाने वाले लोगों का हाई ब्लड प्रेशर सुधारा जा सकेगा।
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