Paracetamol side effects: लंबे समय तक पेरासिटामोल दवा के उपयोग से हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) वालों में हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है, ऐसी आशंका एक स्टडी ने जताई है।
स्टडी करने वालों का सुझाव था कि इस दवा को दर्द निवारक यानी पेनकिलर (Painkiller) के तौर पर लेने वाले पुराने दर्द से पीड़ित मरीजों को कम से कम समय के लिए सबसे हल्की खुराक इस्तेमाल करनी चाहिए।
पेन किलर के रुप में सबसे ज्यादा पैरासिटामोल का ही इस्तेमाल किया जाता है।
इस दवा को अक्सर दर्द निवारक नॉन-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (non-steroidal anti-inflammatory drugs – NSAIDs) का एक सुरक्षित विकल्प समझा जाता है। ऐसी दवाएं ब्लड प्रेशर और हृदय रोग का जोखिम बढ़ाती है।
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एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी की यह स्टडी वैज्ञानिक पत्रिका सर्कुलेशन में प्रकाशित हुई है।
नई स्टडी में हाई बीपी के 110 रोगियों को दो सप्ताह के लिए दिन में चार बार एक ग्राम (कुल चार ग्राम) पेरासिटामोल और अन्य को एक बेअसर दवा (placebo) दी गई थी।
स्टडी करने वाले विशेषज्ञों ने प्लेसबो की अपेक्षा पेरासिटामोल लेने वालों के बीपी में उल्लेखनीय वृद्धि (5 mm Hg) दर्ज की।
यह वृद्धि एनएसएआईडी लेने के समान ही थी, जिससे हृदय रोग या स्ट्रोक का जोखिम लगभग 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की आशंका थी।
निष्कर्षों के आधार पर खोज दल ने रोगियों को लंबे समय तक पेरासिटामोल दवा लिखने पर पुनर्विचार की बात कही है, विशेषकर हाई बीपी, हृदय रोग या स्ट्रोक के विशेष जोखिम वाले मरीजों को।
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हालांकि, उन्होंने कभी कभार सिरदर्द या बुखार के लिए पेरासिटामोल का उपयोग करने वालों को घबराने से मना भी किया है। यह हिदायत केवल उन लोगों के लिए है, जो दर्द निवारक के तौर पर इसे लंबे समय तक नियमित रूप से लेते है।
विशेषज्ञों के अनुसार, डॉक्टरों और रोगियों को भी लंबी अवधि तक पेरासिटामोल लेने के लाभों पर विचार करना चाहिए, विशेष रूप से हृदय रोग के जोखिम वाले रोगियों को।