मेडिकल साइंस ने आधुनिक समाज में मोबाइल फोन (Mobile Phone) के बढ़ते उपयोग को खतरनाक बताया है।
समय-समय पर कई स्टडीज ने मानव स्वास्थ्य पर मोबाइल फोन के दुष्प्रभावों से आगाह भी किया है।
मोबाइल का रेडियो-फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड (RF-EMF) मानसिक और शारीरिक प्रतिक्रियाओं को बाधित करता है।
वैज्ञानिक इन तरंगों से दिल और ब्लड वेसल्स (Blood Vessels) जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान होने की संभावना जता चुके है।
- Advertisement -
इस बारे में हुई एक नई रिसर्च ने मोबाइल फोन के नियमित उपयोग को दिल-संबंधी दिक्कतों (Cardiovascular diseases) से जुड़ा पाया है।
यह जोखिम विशेष रूप से स्मोकिंग (Smoking) करने वालों और डायबिटीज (Diabetes) पीड़ितों को अधिक बताया गया है।
इस खतरे को बढ़ाने में खराब नींद और मानसिक अस्वस्थता भी आंशिक रूप से जिम्मेदार मिले है।
रिसर्च में गैर-मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की अपेक्षा नियमित मोबाइल उपयोगकर्ताओं के दिल को अधिक खतरा था।
यह रिसर्च यूके बायोबैंक के 444,027 इंसानों के स्वास्थ्य और मोबाइल फोन इस्तेमाल पर आधारित थी।
- Advertisement -
नियमित मोबाइल फोन को प्रति सप्ताह कम से कम एक कॉल सुनने या करने के रूप में परिभाषित किया गया था।
साढ़े 12 साल चली रिसर्च में, अस्पताल व मौत के रिकॉर्ड से स्ट्रोक, कोरोनरी हार्ट रोग, हार्ट फेलियर आदि का पता लगाया गया।
इसके अलावा, रिसर्चर्स ने सभी इंसानों की नींद के पैटर्न और मानसिक अस्वस्थता की भी जांच की।
खराब नींद और मानसिक अस्वस्थता सर्कैडियन लय, एंडोक्राइन, मेटाबॉलिज़्म को प्रभावित कर दिल को नुकसान पहुंचा सकते थे।
इसके अलावा, लंबे समय तक मोबाइल की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों के संपर्क से भी रोगजनक स्थितियाँ पैदा हो सकती थी।
ऐसे में स्मोकिंग और डायबिटीज वालों को मोबाइल विकिरणें दिल के रोगों में वृद्धि का खतरा बढ़ा सकती थी।
नतीजों में, स्वस्थ दिल के लिए बिना सोचे-समझे मोबाइल फोन पर घंटों बिताने में कमी की सलाह दी गई।
इसके अलावा, नींद और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार भी मोबाइल उपयोग से जुड़े दिल के रोगों का खतरा घटा सकता था।
चीन के ग्वांगझोउ के स्वास्थ्य विशेषज्ञों की स्टडी कनाडाई जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित हुई थी।