धूम्रपान छोड़ने से चिंता, अवसाद और तनाव कम करके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है, ऐसा एक नए अध्ययन ने बताया।
कुछ लोगों का मानना है कि धूम्रपान (smoking) से तनाव और अन्य मानसिक समस्याओं को कम करने में मदद मिलती है। अगर वो धूम्रपान छोड़ेंगे तो इससे उनकी मानसिक समस्याएं बदतर हो सकती है।
साथ ही, धूम्रपान बंद करने से उनके सामाजिक जीवन और दोस्ती पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
लेकिन बाथ, बर्मिंघम, ऑक्सफ़ोर्ड और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक, धूम्रपान करने वालों की अपेक्षा कम से कम 6 सप्ताह तक धूम्रपान न करने वालों को कम अवसाद, चिंता और तनाव का सामना करना पड़ा।
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इसके अलावा, धूम्रपान छोड़ने वालों ने अधिक सामाजिक रिश्तों, सकारात्मक भावनाओं और बेहतर मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य का अनुभव किया।
इस स्टडी में 102 अध्ययनों में शामिल 1,69,500 से अधिक लोगों की सेहत से मिलें सबूतों को आधार बनाया गया।
इनमें से 63 अध्ययनों के परिणाम धूम्रपान छोड़ने वालों और इसे जारी रखने वालों के मानसिक स्वास्थ्य में आए बदलाव से जुड़े थे।
10 अध्ययनों के परिणाम लोगों के मानसिक विकारों के आंकलन से जुड़े थे।
अध्ययन में मानसिक और दीर्घकालिक शारीरिक बीमारियों से ग्रस्त विभिन्न लोग शामिल थे जिनमें से कुछ पर 6 सप्ताह और कुछ पर 6 वर्षों तक नजर रखी गई।
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सबूतों की निश्चितता कम या मध्यम स्तर तक होने के बावजूद, निष्कर्ष बताते है कि धूम्रपान छोड़ने वालों में तनाव कम होने सहित मानसिक स्वास्थ्य को होने वाले दीर्घकालिक लाभ की संभावना अधिक थी।
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