पैनिक डिसऑर्डर (panic disorder) भावनात्मक पीड़ा और सामाजिक अलगाव से जुड़ी ऐसी समस्या है जो इलाज न करवाने पर मानसिक बीमारी का कारण बन सकता है।
सायकोथेरपी एंड साइकोसोमैटिक चिकित्सा पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चला है कि पैनिक डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की चिकित्सा, साइकोथेरेपी (psychotherapy), लंबे समय तक फायदेमंद रहती है।
अध्ययन के लिए, विशषज्ञों की टीम ने 221 इंसानों को शामिल किया।
उन्होंने न केवल चिकित्सा के छोटे और दीर्घकालिक प्रभावों का अध्ययन किया, बल्कि यह भी बताया कि इस विकार से ग्रस्त लोगों को उनके उपचार चिकित्सा चुनने से क्या परिणाम मिलें।
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प्रतिभागियों के लिए चिकित्सा के दो रूप थे, पैनिक डिसऑर्डर इलाज के लिए विशेष रूप से एक पैनिक-फोकसड साइकोडायनेमिक सायकोथेरपी (panic-focused psychodynamic psychotherapy – PFPP) और एक पैनिक कण्ट्रोल ट्रीटमेंट (panic control treatment – PCT)
आधे इंसानो को चिकित्सा के अपने रूप को चुनने की अनुमति दी गई थी और अन्यों को शोधकर्ताओं ने अपनी मर्जी से कोई भी थेरेपी के लिए भेजा।
अध्ययन के अंत में अपनी मर्जी से PFPP चुनने वालों को कोई भी थेरेपी लेने वालों की तुलना में बेहतर परिणाम मिलें।
हालांकि, अध्ययन से सबसे महत्वपूर्ण खोज यह थी कि दोनों उपचारों के सकारात्मक और स्थायी परिणाम थे।
उपचार के दो साल बाद 70 प्रतिशत रोगियों में स्पष्ट रूप से सुधार हुआ था और उनमें पैनिक डिसऑर्डर से जुड़ें डिप्रेशन के लक्षण बहुत कम हो गए।