Prolonged sitting risk: एक नई रिसर्च ने घंटों बैठने से युवा और एक्टिव लोगों की सेहत को भी नुकसान बताया है।
रिसर्च में नियमित एक्सरसाइज के बावजूद रोजाना साढ़े आठ घंटे बैठना हानिकारक मिला है।
देर तक बैठने से खासकर युवाओं में हृदय रोग सहित उम्र बढ़ने में भी तेजी (Early aging) आ सकती है।
यह हैरान करने वाली जानकारी यूएसए की दो यूनिवर्सिटीज़ के साझा प्रयास से मिली है।
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उनकी रिसर्च में 28 से 49 वर्ष के 1,000 से अधिक वयस्कों पर घंटों बैठने के प्रभाव जाने गए थे।
सटीक अनुमानों के लिए वयस्कों के कोलेस्ट्रॉल और बॉडी मास इंडेक्स (BMI) की जांच की गई।
सभी वयस्कों ने रिसर्चर्स को प्रतिदिन लगभग नौ घंटे से लेकर 16 घंटे तक बैठने की सूचना दी।
उन्होंने हफ्ते में 80 से 160 मिनट तक की मध्यम या 135 मिनट की कड़ी कसरत करने की भी बात कही।
नतीजों में पाया गया कि जितना अधिक कोई व्यक्ति बैठता है, वह उतना ही बूढ़ा दिखने लगता है।
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इसके अलावा, प्रतिदिन 20 मिनट की कसरत बैठने से उत्पन्न दुष्प्रभावों को रोकने में अपर्याप्त थी।
बैठने से स्वास्थ्य पर पड़े दुष्प्रभावों को घटाने में कम बैठना और कड़ी कसरत आवश्यक कहे गए।
यानी काम के बाद थोड़ा टहलने की बजाए रोजाना 30 मिनट तक दौड़ना या साइकिल चलाना फायदेमंद माना गया।
ऐसा करने से बैठने वालों का हाई कोलेस्ट्रॉल और बीएमआई उम्र में 5 से 10 साल कम हो सकता था।
लेकिन जोरदार कसरत भी लंबे समय तक बैठने के दुष्प्रभावों को पूरी तरह से घटा नहीं सकती।
इसलिए कम बैठने, स्वस्थ भोजन खाने और कड़ी कसरत ज्यादा करने का सुझाव दिया गया।
उपरोक्त उपायों से स्वास्थ्य सुधार और तेजी से बढ़ती उम्र से निपटने में मदद मिल सकती है।
कोलोराडो बोल्डर और कैलिफ़ोर्निया रिवरसाइड यूनिवर्सिटीज़ की यह रिसर्च PLOS ONE जर्नल में प्रकाशित हुई थी।
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