Poor sleep speeds up brain aging: खराब नींद से दिमागी कार्यक्षमता घटती है, जिससे डिमेंशिया रोग हो सकता है।
इस बारे में हुई एक नई स्टडी ने 40 की उम्र में खराब नींद से दिमाग को गंभीर नुकसान बताया है।
स्टडी में खराब नींद और कम समय में दिमाग सिकुड़ने के बीच एक लिंक देखा गया है।
यूएस विशेषज्ञों ने MRI स्कैन से स्टडी में शामिल इंसानों की दिमागी उम्र का पता लगाया था।
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उन्हें खराब नींद से 40 वालों के दिमाग की उम्र वास्तविक से लगभग तीन साल अधिक मिली।
स्टडी की शुरुआत में 40 वर्ष की आयु वाले 500 से ज्यादा पुरुष और महिला शामिल थे।
विशेषज्ञों ने स्टडी शुरू होने के 15 साल बाद उनके दिमाग का MRI स्कैन किया।
सवाल-जवाब के बाद प्रत्येक इंसान की नींद से जुड़ी छह समस्याओं को दर्ज किया गया।
इनमें खराब नींद, कम सोना, नींद आने में कठिनाई, सोते रहने में दिक्कत, सुबह जल्दी जगना एवं दिन में नींद आना शामिल थे।
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विशेषज्ञों ने सभी के दिमाग की स्कैनिंग की और एक विशेष आयु में दिमाग सिकुड़ने का स्तर देखा।
इस अलावा, प्रत्येक इंसान के दिमाग की आयु निर्धारण के लिए खास टेक्नोलॉजी का भी सहारा लिया गया।
नींद की ज्यादा समस्याओं से ग्रस्त लोगों के दिमाग की औसत आयु वास्तविक से लगभग ढाई साल अधिक थी।
खराब नींद, नींद आने में कठिनाई, सोते रहने में दिक्कत और अलसुबह जगने वालों का दिमाग अधिक बूढ़ा था।
खासकर लगातार पांच वर्षों तक खराब नींद से पीड़ित लोगों का दिमाग ज्यादा सिकुड़ा हुआ था।
नतीजों ने दिमागी स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए नींद की समस्याओं से निपटना अति आवश्यक बताया।
रोकथाम में एक्सरसाइज करना, नींद का निश्चित समय, सोने से पहले कैफीन या शराब ना पीने की सलाह थी।
अधिक जानकारी मेडिकल जर्नल न्यूरोलॉजी® में प्रकाशित स्टडी से मिल सकती है।