Sense of smell: गंध पहचानने की क्षमता किसी इंसान की सोचने-समझने से जुड़ी भविष्य की समस्याएं बता सकती है।
अल्जाइमर रोग से संबंधित यह ख़बर शिकागो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक नई स्टडी से मिली है।
हालांकि, गंध (Odor) पहचानने में कमी से मानसिक रोग की शुरुआत बताने की पुष्टि के लिए और अधिक जांच करनी पड़ेगी।
वैज्ञानिकों को उपरोक्त तरीक़े से ख़ासकर डिमेंशिया की शुरुआत वालों को जानने की उम्मीद है।
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न्यूरोलॉजी जर्नल में छपी स्टडी में, एक सर्वेक्षण के 865 से अधिक लोगों की गंध महसूस करने की क्षमता जानी गई थी।
पांच साल की स्टडी के दौरान, लोगों की सोच और याददाश्त कौशल को भी दो बार टेस्ट किया गया था।
वैज्ञानिकों को उनके डीएनए नमूनों से अल्जाइमर के जोखिम में वृद्धि करने वाले जीन के इंसानों का पता चला।
जिन लोगों में यह जीन वैरिएंट होता है, उनकी अन्य लोगों की तुलना में गंध पता लगाने की क्षमता कम हो जाती है।
कई प्रकार की गंध न पहचान पाना भविष्य में याददाश्त व सोच-समझ की समस्याओं का प्रारंभिक संकेत हो सकता है।
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वैज्ञानिकों ने अल्जाइमर के बढ़े हुए जोखिम से जुड़े इस जीन वैरिएंट को APOE ε4 कहा है।
उम्र बढ़ने पर इस जीन वालों द्वारा गंध का पता लगाने की संभावना 37% तक कम हो जाती है।
देखा गया कि स्टडी की शुरुआत में सभी लोगों की सोच-समझ व याददाश्त संबंधी क्षमता समान थी।
लेकिन समय के साथ APOE ε4 जीन वालों ने सोचने के कौशल में अधिक तेजी से गिरावट का अनुभव किया।
जीन वाहकों को 65 से 69 वर्ष की आयु में ही गंध का पता लगाने में कमी महसूस होने लगी थी।
उतनी उम्र में APOE ε4 जीन वाले औसतन लगभग तीन तरह की गंध का पता लगा सकते थे।
जबकि जिन लोगों में APOE ε4 जीन नहीं था, वे लगभग चार तरह की गंध को महसूस कर सकते थे।
75 से 79 वर्ष की आयु में जीन वैरिएंट वालों की गंध पहचानने की क्षमता में ज़बरदस्त गिरावट जानी गई।
इन संबंधों में छिपे कारण की पहचान से मानसिक विकार में गंध की भूमिका समझना आसान हो सकता है।
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